चंडीगढ़: हरियाणा के डेंगू प्रभावित क्षेत्रों में राज्य की खट्टर सरकार खास तरह की मच्छरदानियां बांटेगी। इन मच्छरदानियों की विशेषता यह है कि इनके संपर्क में आते ही मच्छर खुद-ब-खुद मर जाएंगे। खट्टर सरकार ने इन मच्छरदानियों के लिए अपनी मांग केंद्र सरकार को भेज दी है। हरियाणा ढाई करोड़ की लागत से लगभग पांच लाख मच्छरदानियां मंगवा रहा है।
इन मच्छरदानियों को मेवात क्षेत्र के नूहं जिले में बांटा जाएगा। इसके बाद मच्छर जनित बुखार की संभावनाओं वाले अन्य जिलों में भी इसे ग्रामीणों को मुफ्त दिया जाएगा। इन कीटनाशक मच्छरदानियों पर लगाया गया केमिकल आने वाले तीन वर्षों तक असरकारक रहेगा। मच्छर और अन्य कीट पतंगे इससे टकराते ही ढेर हो जाएंगे। हरियाणा के ग्रामीण क्षेत्रों में बहुत से लोग अपनी चौपालों, बाड़ों व बरामदों में रात को मच्छरदानी लगा कर सोते हैं। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग ने सबसे पहले ग्रामीण क्षेत्रों पर ही फोकस किया है।
ग्रामीण इलाकों में मच्छर जनित बुखार फैलने की संभावना और मच्छरों की संख्या शहरी क्षेत्रों की तुलना में अधिक पाई गई है। विशेष किस्म की मच्छरदानियां बांटने के मामले में प्रदेश के स्वास्थ्य महकमे के इन प्रयासों में केंद्र सरकार भी सहायता करेगी। मच्छरदानियां स्वास्थ्य महकमे की निदेशक डॉ। उषा गुप्ता बताती हैं कि 'लांग लास्टिंग इंसेक्टिसाइडल नेट'(LLIN) नामक यह मच्छरदानियां मेवात क्षेत्र के नूंह अलावा हिसार, रोहतक, सिरसा, फरीदाबाद, गुरु ग्राम, हिसार, झज्जर, पलवल, पंचकूला और रोहतक जिलों के ग्रामीणों को भी मुफ्त दी जाएंगी।
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