चंडीगढ़: गीता के साक्षी रहे कुरुक्षेत्र में 21 जून को लगने वाले सूर्यग्रहण मेले पर कोरोना वायरस का महाग्रहण लग गया है। इस साल एशिया के सबसे बड़े ब्रह्मसरोवर में श्रद्धालु न सिर्फ श्रद्धा की डु़बकी से वंचित रहेंगे, बल्कि धर्मनगरी में प्रवेश पूरी भी तरह बंद रहेगा। अलबत्ता सूर्य ग्रहण पर स्नान की परंपरा न टूटे, इसको लेकर प्रशासन की तरफ से चंद लोगों को स्नान की इजाजत दी गई है।
इन चंद लोगों में धार्मिक संस्थाओं के पदाधिकारी व अखाड़ों के महंत शामिल हैं। महत्वपूर्ण पहलू यह है कि स्नान से पहले उन सबका मेडिकल चेकअप और कोरोना जांच होगी। जिस अखाड़े के महंत व धार्मिक संस्था के पदाधिकारी की रिपोर्ट नेगेटिव पाई जाएगी, उसे ही स्नान की अनुमति दी जाएगी। इसके लिए बकायदा कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड की तरफ से दफ्तर में कोरोना के सैंपल लेने की शुरूआत कर दी गई है।
पूरे देश में 21 जून को मृगशिरा नक्षत्र में 6 वक्री ग्रहों के साथ सूर्य ग्रहण नज़र आएगा। सूर्य ग्रहण मिथुन राशि मंगल के मृगशिरा नक्षत्र में शुरू हगा। ग्रहण के दौरान सूर्य के वलय पर चंद्रमा का पूरा आकार दिखाई देगा। सूर्य का केन्द्र का भाग पूरा काला दिखाई देगा, जबकि किनारों पर चमक रहेगी। ज्योतिषों के मुताबिक, 25 वर्ष बाद ऐसी स्थिति बनेगी कि दिन में ही अंधेरा छा जाएगा। इससे पहले ऐसा 24 अक्टूबर 1995 को लगने वाले सूर्य ग्रहण के दौरान हुआ था।
कर्नाटक : इस चुनाव को लेकर भाजपा ने तय किए उम्मीदवार
TDP मंत्री को लगा तगड़ा झटका, भाषा पर नियंत्रण न रखना पड़ा भारी
विदेश से केरल लौटने वालों को कोरोना टेस्ट करना होगा अनिवार्य, सीएम ने दिया निर्देश