हरतालिका तीज का पर्व सभी महिलाओं के लिए बहुत ख़ास होता है. इस पर्व को शिव और पार्वती के मिलन के उपलक्ष्य में मनाया जाता है और कहते हैं मां पार्वती ने 107 जन्म लिए थे कल्याणकारी भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए. आप सभी को बता दें कि मां-पार्वती के कठोर तप के कारण उनके 108वें जन्म में भोले बाबा ने पार्वती जी को अपनी अर्धांगिनी के रूप में स्वीकार किया था और आज भी वह उनकी पत्नी है. ऐसे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं क्यों कहते हैं इस पर्व को हरतालिका तीज..?
हरतालिका तीज - हरतालिका दो शब्दों से बना है, हर और तालिका. कहते हैं हर का अर्थ है हरण करना और तालिका अर्थात सखी. आपको बता दें कि यह पर्व भाद्रपद की शुक्ल तृतीया को मनाया जाता है, इसलिए इसे तीज कहा जाता है. वहीं इस व्रत को हरतालिका इसलिए कहा जाता है, क्योंकि पार्वती की सखी उन्हें पिता के घर से हरण कर जंगल में ले गई थी. आइए अब जानते हैं इस दिन मां पार्वती को प्रसन्न करने के मंत्र, जिनके जाप से माता प्रसन्न होकर भक्तों के सुहाग को लंबी आयु का वरदान देती हैं.
भगवती-उमा की अर्चना के लिए निम्न मंत्रों का प्रयोग करें-
ऊँ उमायै नम:, ऊँ पार्वत्यै नम:, ऊँ जगद्धात्र्यै नम:, ऊँ जगत्प्रतिष्ठयै नम:, ऊँ शांतिरूपिण्यै नम:, ऊँ शिवायै नम:
भगवान शिव की आराधना इन मंत्रों से करें-
ऊँ हराय नम:, ऊँ महेश्वराय नम:, ऊँ शम्भवे नम:, ऊँ शूलपाणये नम:, ऊँ पिनाकवृषे नम:, ऊँ शिवाय नम:, ऊँ पशुपतये नम:, ऊँ महादेवाय नम:
हरतालिका तीज पर इन मन्त्रों से करें भोले और पार्वती को खुश
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