21 अगस्त को है हरछठ पर्व, इस तरह पुत्रवती महिलाएं रखे व्रत
21 अगस्त को है हरछठ पर्व, इस तरह पुत्रवती महिलाएं रखे व्रत
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आप सभी जानते ही हैं कि एक महीने में कई व्रत आते हैं जो महिलाएं बहुत ही चाव के साथ रखती हैं. ऐसे में इस बार लीला पुरुषोत्तम भगवान श्रीकृष्ण के बड़े भाई बलराम जी के प्राकट्योत्सव हरछठ का पर्व इस बार 21 अगस्त को मनाया जाने वाला है. जी दरअसल यह व्रत पुत्र को लंबी उम्र देने के साथ ही सुख एवं संपन्नता बढ़ाने के लिए रखा जाता है. कहते हैं हरछठ भाद्रपद कृष्ण पक्ष की छठ को मनाया जाता है और इस दिन श्रीकृष्ण के बड़े भाई बलराम का जन्म हुआ था. कहा जाता है यह व्रत केवल पुत्रवती महिलाएं करती हैं और इस व्रत को पुत्रों की दीर्घायु और सम्पन्नता के लिए किया जाता है. ऐसे में इस व्रत में पेड़ों के फल, बिना बोया अनाज आदि खाने का विधान माना गया है.

आपको बता दें कि इस व्रत में महिलाएं प्रति पुत्र के हिसाब से छह छोटे मिट्टी या चीनी के बर्तनों में पांच या सात भुने हुए अनाज या मेवा भरती हैं और जारी (छोटी कांटेदार झाड़ी) की एक शाखा ,पलाश की एक शाखा और नारी (एक प्रकार की लता) की एक शाखा को भूमि या किसी मिट्टी भरे गमले में गाड़कर पूजन किया जाता है.

इसी के साथ महिलाएं पड़िया (भैंस का बच्चा) वाली भैंस के दूध से बने दही और महुवा (सूखे फूल) को पलाश के पत्ते पर खा कर व्रत का समापन करती हैं. आप सभी को बता दें कि इस दिन महिलाएं अपने बेटे के मंगल होने की कामना करती हैं और उनके लिए व्रत रखकर उन्हें सफल बनाती हैं.

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