आप सभी को बता दें कि इस साल रंग पंचमी 25 मार्च को है. जी हाँ, इस बार रंग पंचमी का त्यौहारबहुत धूम-धाम से मनाया जाने वाला है. कहते हैं इस दिन रंग, गुलाल और पानी से होली खेलते हैं. रंगों का यह त्यौहार खासतौर पर उत्तर एवम मध्य भारत में खेला जाता हैं. ऐसे में इस दिन सभी एक दूजे को रंगपंचमी की बधाई देंगे जो अनेक संदेश से देंगे जो आज हम आपको बताने जा रहे हैं. आइए जानते हैं.
रंग पंचमी की शुभकामनाये शायरी -
* रंगो की बौछार से चेहरे पर मुस्कान आ जाती हैं
रंगो की खूबियाँ हाल-ए-दिल बयाँ कर जाती हैं
ये रंगो के त्यौहार ही तो यादों का हिस्सा हैं
जो हर साल बीते लम्हों को जवां कर जाते हैं
* रंग भरा पैगाम भेजा हैं तुम्हे,
इसे महज़ गुलाल ना समझना.
ये रंग खुशियों को बयाँ करते हैं,
इन्हें दिल की गहराईयों से कुबूल करना.
* रंग पंचमी जैसे इन्द्रधनुष का प्यार,
चारो तरफ है रंगों की बौछर.
शुभकामनाये हैं तुम्हे हमारी,
लो झेलो मेरी रंग भरी पिचकारी.
* कोई ने मारी पिचकारी,कोई ने लगाया गुलाल,
ये तो हैं रंगो का त्यौहार, हरा पीला या लाल
पर संदेश देता हैं बस खुशियों का
जम कर मनाओ त्यौहार रंगो का
* सत रंगी रंगों की लिए बरसात
है आई रंग पंचमी की सौगात
चलो चलाये मिलकर पिचकारी
न बच पाये कोई भी नर नारि
* गोकुल की गलियों में दौड़े किशन कन्हैया
गोपियाँ हैं पीछे आगे किशन कन्हैया
भर भर कर गुलाल मारे मोड़े कलाई
वृन्दावन में रंग उड़े कैसे गोपी किशन की याद ना आये
* भंग के नशे में झूमे सारी दुनियाँ
कौन मेरा कौन तेरा भूले सारी दुनियाँ
यही तो हैं मेरे देश की खूबियाँ
त्यौहारों के संग झूमे पूरी दुनियां
* रंगो से सजे सभी का द्वार
किशन कन्हैया बंसी बजाये
हो जगत उद्धार
शुभ हो रंगपंचमी का त्यौहार
* जीवन में हैं अनेक रंग
मिलते हैं जो हर तरंग
भर दे जो प्रेम के रंग
वही हैं त्यौहरो के सच्चे रंग
* रंगों के त्यौहार में नाच रहा हैं मन
आस लगाये राह तक रहा हैं मन
हे ईश्वर कर ऐसी रंगो की बौछार
खुशियाँ ही खुशियाँ हो आज मेरे द्वार
* अपनों के प्रेम में सराबोर हैं मन
सदा बना रहे यह प्रेम
बस यही हैं अभिनन्दन
हैप्पी रंगपंचमी
* तरह- तरह के रंगों का मेला
चारों तरफ हैं शौर शराबा
घरों में महके पकवानों की खुशबू
मिलेंगे पुराने यार बस यही हैं आरज़ू
* इस बार रंगों का नया हैं रंग
साथ हैं मेरी नयी नवेली दुल्हन
मनायेंगे ऐसी होली
खुश हो जायेगी घरवाली
* चलो खेले ऐसे रंग
ना कर पाये कोई भेद
मिल जाए जब दिल से दिल
तब सजे ख़ुशियाँ हर एक दिन
* ना रंगों का रहा मुझे कोई जोश
न पकवानों का कोई शोक
मुझे बुलाता हैं बस अपनों का प्यार
जब मनाते थे होली मिलकर सभी यार
* रंग पंचमी के वो दिन याद आते मुझे
जब भाई सब सताते मुझे
अब वो बचपन की होली कभी ना सजे
बस अपनों की यादे मेरे कानों में बजे
* कैसा अनूठा हैं यह त्यौहार
पहने जिसमे फटे पुराने कपड़े यार
ना हो नहाने की कोई जल्दी
आलसियों के लिए हैं सबसे अच्छी होली
जानिए किस विधि और मंत्र से करनी है सकट चौथ की पूजा