बॉलीवुड की वो 5 फिल्में, जो दर्शाती है माता-पिता और बेटी का अटूट रिश्ता
बॉलीवुड की वो 5 फिल्में, जो दर्शाती है माता-पिता और बेटी का अटूट रिश्ता
Share:

वैसे तो किसी भी संबंध को मनाने के लिए उन संबंधो को किसी तारीख की आवश्यकता नहीं है, मगर बीते कई दशकों से रिश्तों को सेलिब्रेट करने के लिए भी एक दिनांक तय कर दी गई। जैसे आज है डॉटर्स डे। 26 सितंबर को प्रत्येक वर्ष अंतर्राष्ट्रीय बेटी दिवस यानी  इंटरनेशनल डॉटर्स डे मनाया जाता है। इस दिन माता-पिता अपनी बेटियों के साथ अपने बेहतरीन पलों को प्रतिदिन के मुकाबले और भी बेहतर तरीके से जीते हैं। उन्हें तोहफा देते हैं तथा उनकी इच्छाओं को पूरा करते हैं। वास्तविक जिंदगी में माता-पिता और बेटी का रिश्ता तो प्रत्येक परिवार में अलग-अलग होता है, मगर फिल्मी पर्दे की बात करें तो यहां कई मूवीज में इस रिश्तों को एक मजबूती के साथ पेश करने का प्रयास किया गया है। आज इंटरनेशनल डॉटर्स डे के अवसर पर हम आपके साथ उन पांच फिल्मों के बारे में बात करने जा रहे हैं, जो माता-पिता तथा बेटी के एक मजबूत और प्यारे से रिश्ते को दिखाती है।

ये है वो 5 फ़िल्में:-

1- थप्पड़:- 
इस सूचि में सबसे पहले सम्मिलित हैं फिल्म थप्पड़। तापसी पन्नू स्टारर और अनुभव सिन्हा द्वारा डायरेक्टेड ये फिल्म पिता और बेटी के एक मजबूत रिश्ते को पूर्ण रूप से जस्टिफाई करती है। 

2- गुंजन सक्सेना:-
हर माता-पिता का सपना होता है कि उनके बच्चे अपनी जिंदगी में सफल हों और हमेशा खुश रहें। जाह्नवी कपूर और पंकज त्रिपाठी की मूवी गुंजन सक्सेना एक कारगिल हीरो की स्टोरी तो है ही, मगर साथ ही इस मूवी में पिता और बेटी का एक प्यारा सा रिश्ता भी दिखाया गया है। 

3- अमर प्रेम:-
जरूरी नहीं है कि जिसे स्वयं से जन्म दिया हो, उसी संतान से प्यार और मजबूत रिश्ते का एहसास होता है। शर्मिला टैगोर, राजेश खन्ना तथा विनोद मेहरा की इस मूवी में एक ऐसा रिश्ता देखने को मिला, जो भले ही खून से न जुड़ा हो, मगर दिल से जुड़ा था। 

4- त्रिभंग:-
काजोल स्टारर फिल्म त्रिभंग की स्टोरी एक बिखरे हुए परिवार की स्टोरी है। एक बेटी पहले अपनी मां से शत्रुता करती है तथा फिर जब वह कोमा में चली जाती है, तो वह उसे खोने के एहसास से ही डर जाती है। 

5- मॉम:-
श्रीदेवी की ये मूवी एक ऐसी मां और बेटी की कहानी दिखते है, जो एक बहुत ही दर्दनाक पीड़ा से निकल रही होती हैं। बच्चों को एक खरोंच भी आती है, तो मां का कलेजा बाहर आ जाता है। यह फिल्म दर्शाती है कि यदि एक मां के बच्चे पर कोई आपत्ति आती है, तो वह स्वयं ही बेटी को इन्साफ दिलाने निकल पड़ती है।

गुलाब तूफान ने बढ़ाया खतरा, रेलवे ने रद्द की कई ट्रेनें

बिहार में हुआ बड़ा हादसा, अचानक पलटी नाव, खतरे में 22 लोग की जान

पंजाब कैबिनेट में शामिल होंगे ये 15 विधायक, आज शाम लेंगे शपथ

रिलेटेड टॉपिक्स
- Sponsored Advert -
मध्य प्रदेश जनसम्पर्क न्यूज़ फीड  

हिंदी न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_News.xml  

इंग्लिश न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_EngNews.xml

फोटो -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_Photo.xml

- Sponsored Advert -