1- चैत्र नवरात्रि प्रारंभ
06 अप्रैल 2019 - 14 अप्रैल 2019
2- चैत्र नवरात्रि
हे माँ तुमसे विश्वास ना उठने देना,
तेरी दुनिया में भय से जब सिमट जाऊं,
चारो ओर अँधेरा ही अँधेरा घना पाऊं,
बन के रोशनी तुम राह दिखा देना.
3- चैत्र नवरात्रि
लाल रंग की चुनरी से सजा माँ का दरबार,
हर्षित हुआ मन, पुलकित हुआ संसार,
नन्हें-नन्हें क़दमों से माँ आए आपके द्वार,
इस नवरात्रि यही हैं हमारी दुआ
“जय माता दी”
4- चैत्र नवरात्रि
देवी के कदम आपके घर में आयें.
आप खुशहाली से नहायें,
परेशानिया आपसे आँखें चुराएँ,
मंगल नवरात्रे हो हमेशा आपके
5- जगत पालनहार है माँ, मुक्ति का धाम है माँ,
हमारी भक्ति का आधार है माँ, सबकी रक्षा की अवतार है माँ..
6- सजा हे दरबार, एक ज्योति जगमगाई है,
सुना हे नवरात्रि का त्योहार आया हैं,
वो देखो मंदिर में मेरी माता मुस्करायी है
7- दूर की सुनती हैं माँ, पास की सुनती हैं माँ,
माँ तो अखिर माँ हैं, माँ तो हर भक्त की सुनती हैं
8- हो जाओ तैयार, माँ अम्बे आने वाली है,
सजा लो दरबार माँ अम्बे आने वाली हैं,
तन,मन और जीवन हो जायेगा पावन,
माँ के कदमो की आहट से गूँज उठेगा आँगन..
9- बहुत दूर अभी जाना है,
पर चिंता नही चिंतन का
दामन थामा है क्योंकि माँ ने मेरी
मुझे अपना माना है.
जय माता दी
10- माता रानी वरदान ना देना हमें,
बस थोडा सा प्यार देना हमें,
तेरे चरणों में बीते ये जीवन सारा,
एक बस यही आशीर्वाद देना हमें।
11- क्या पापी, क्या घमंडी,
माँ के दर पर सभी शीश झुकाते हैं,
मिलता है चैन तेरे दर पे मैया,
झोली भरके सभी जाते हैं..!
12- हर पल खुशी कदम चूमे नवरात्रि में हम सब मिलकर झूमे हो न कभी आपका दु:ख से सामना यही है आपको नवरात्रि की शुभकामना
13- मां दुर्गा आई आपके द्वार करके आई माता 16 श्रृंगार आपके जीवन में न आए कभी हार हमेशा रहे सुखी आपका ये परिवार
14- जगत पालनहार है माँ, मुक्ति का धाम है माँ,
हमारी भक्ति का आधार है माँ, सबकी रक्षा की अवतार है माँ
15- सारा “जहान” है जिसकी “शरण” में,
“नमन” है उस “माँ” के “चरण” में,
हम हैं उस माँ के “चरणों की धूल”,
आओ “मिलकर माँ” को चढ़ाएं “श्रद्धा के फूल”
16- हे माँ तुमसे विश्वास ना उठने देना,
तेरी दुनिया में भय से जब सिमट जाऊं,
चारो ओर अँधेरा ही अँधेरा घना पाऊं,
बन के रोशनी तुम राह दिखा देना..!
17- पहले माँ की पूजा, उसके बाद कोई काम दूजा,
आए हैं शुभ दिन मेरी माँ के, माँ ने मेरी हर मनोकामना पूरी की हैं..!
18- लाल रंग की चुनरी से सजा माँ का दरबार,
हर्षित हुआ मन, पुलकित हुआ संसार,
नन्हें-नन्हें क़दमों से माँ आए आपके द्वार
इस नवरात्रि यही हैं हमारी दुआ
“जय माता दी”
19- बिन बुलाए भी जहां जाने को जी चाहता है,
वो चौखट ही है तेरी “माँ” जहां यह बंदा सुकून पाता है
20- चारों और है छाया अंधेरा कर दे मां रोशन जीवन मेरा तुझ बिन कौन कहां है मेरा तू जो आए सामने हो जाए सवेरा