B'Day Special: सिंगर बनना चाहते थे आनंद बख्शी, इस गाने ने पूरा किया था सपना
B'Day Special: सिंगर बनना चाहते थे आनंद बख्शी, इस गाने ने पूरा किया था सपना
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बॉलीवुड को बहुत ही रोमांटिक और शानदार गाने देने वाले आनंद बख्शी का जन्म आज ही के दिन साल 1930 में हुआ था. आनंद बॉलीवुड में बतौर गीतकार के रूप में दमदार पहचान बना चुके थे, और आज भी लोग उन्हें याद करते हैं. आनंद शुरू से ही एक सिंगर बनना चाहते थे लेकिन उनका यह सपना फिल्म 'मोम की गुड़िया' का गाना 'बागों मे बहार आई' ने पूरा किया. इस गाने को उन्होंने लिखा भी और गाय भी. यह गाना बहुत तेजी से वायरल हुआ और सभी के दिलो दिमाग पर छा गया.

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इस गाने के बाद आनंद के लिखे हर गाने को जबरदस्त रिस्पॉन्स मिला. आनंद के लिखे गीतों को लोग आज भी खूब पसंद करते हैं. आनंद ने करीब 550 से भी ज्यादा फिल्मों में लगभग 4000 गीत लिखे जो आज भी लोगों के जुबान पर रहते हैं. उन्हें उनके गीतों के लिए चार बार सर्वश्रेष्ठ गीतकार के फिल्म फेयर पुरस्कार मिले. आनंद बचपन से ही फिल्मों में आना चाहते थे और उन्होंने बचपन से ही बुलंदियों को छूने का सपना देखा था, जो साकार भी हुआ.

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आनंद ने फिल्म 'जब जब फूल खिले' का गाना परदेसियों से न अखियां मिलाना, फिल्म 'चरस' के गाना आजा तेरी याद आई, फिल्म 'इक दूजे के लिए' का गाना सोलह बरस की बाली उम्र को सलाम, लिखा, जो आज भी दर्शकों को, श्रोताओं को खूब पसंद आता है. आनंद ने अपने जीवनकाल में सभी के दिलों पर राज किया और मौत के बाद भी वह सभी के दिलों पर छाए हुए हैं. आपको बता दें कि उनकी मौत 30 March 2002 में हुई थी.

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