हनुमान जन्‍मोत्‍सव या हनुमान जयंती... क्या बोलना है सही?
हनुमान जन्‍मोत्‍सव या हनुमान जयंती... क्या बोलना है सही?
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प्रत्येक वर्ष पवनपुत्र हनुमान का जन्‍मोत्‍सव चैत्र पूर्णिमा को मनाया जाता है। इसके अतिरिक्त कार्तिक माह के कृष्‍ण पक्ष की चतुर्दशी को भी हनुमान जन्‍मोत्‍सव मनाया जाता है। अभी 6 अप्रैल 2023, बृहस्पतिवार को चैत्र पूर्णिमा मनाई जाएगी। इस दिन भगवान हनुमान के भक्‍त धूमधाम से उनका जन्‍मदिन मनाएंगे। लोग अभी से सोशल मीडिया पर हनुमान जयंती और हनुमान जन्‍मोत्‍सव सर्च कर रहे हैं। आमतौर पर लोग इस दिन को हनुमान जयंती ही कह रहे हैं, जबकि ऐसा बोलना गलत है। इसके लिए सही शब्‍द है हनुमान जन्‍मोत्‍सव। 

जयंती एवं जन्‍मोत्‍सव शब्‍द एक ही नहीं हैं। कुछ लोग जयंती और जन्‍मोत्‍सव शब्‍द का अंतर नहीं जानते हैं तथा वे हनुमान जी के प्रकट दिवस को जयंती कह रहे हैं। जबकि ऐसा बोलना गलत है। यही कारण है कि लोग असमंजस में हैं कि हनुमान जयंती बोला जाए या हनुमान जन्मोत्सव। दरअसल, जयंती और जन्‍मोत्‍सव शब्‍द जन्‍मदिवस मनाने के दिन के लिए ही हैं। किन्तु जयंती का प्रयोग ऐसे व्यक्ति के लिए किया जाता है, जो संसार में जीवित नहीं है तथा जिस दिन उसका जन्‍म हुआ था, उस दिन उसका जन्‍मदिन मनाया जाए। तब उसे जयंती बोला जाएगा। 

वहीं भगवान हनुमान को तो कलयुग में संसार का जीवित या जागृत देवता माना गया है। धर्म-शास्‍त्रों के मुताबिक, भगवान हनुमान को प्रभु श्री राम ने अमर होने का वरदान दिया था, तब से ही हनुमान जी ने गंधमादन पर्वत पर निवास बनाया तथा इसी स्थान पर कलयुग में धर्म के रक्षक के तौर पर हनुमान जी निवास करते हैं। इसलिए हनुमान जी के जन्मदिन की तिथि को जयंती नहीं बल्कि जन्मोत्सव कहना चाहिए। 

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