हनुमान जी के सामने महिलाऐं भूल से भी न झुकाए सिर, जानिए हनुमान चालीसा पाठ के नियम
हनुमान जी के सामने महिलाऐं भूल से भी न झुकाए सिर, जानिए हनुमान चालीसा पाठ के नियम
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हिंदू धर्म में कई देवी देवताओं की आराधना की जाती है। आप सभी जानते ही होंगे भगवान हनुमान की पूजा का भी हिंदू धर्म में खास महत्‍व है। जी हाँ और धार्मिक मान्‍यताओं को माना जाए तो मंगलवार के दिन बजरंगबली के भक्‍त अपने आराध्‍य की विशेष पूजा करते हैं।  हालाँकि इसके लिए शनिवार का दिन भी खास होता है। ऐसे में इस दिन भक्त हनुमान चालीसा का पाठ करते हैं।  आप सभी को बता दें कि इस बार हनुमान जन्मोत्सव 16 अप्रैल को यानी आज मनाया जा रहा है तो हम आपको बताने जा रहे हैं हनुमान चालीसा का पाठ करने के कुछ नियम जो जरूर ध्यान में रखने चाहिए।

पहला नियम- कई लोग हनुमान चा‍लीसा को मन ही मन दोहरा कर पूजा कर लेते हैं। जी हाँ और ऐसे लोगों को पूरी हनुमान चालीसा दोहराने में मात्र 2-3 मिनट ही लगते हैं। लेकिन जल्‍दबाजी में वह चालीसा में लिखें कई पदों को गलत तरह से बोल जाते हैं जो गलत है। ऐसे में हनुमान चालीसा की चौपाइयों को शांत मन से बैठकर एक पद को देख-देख कर मुंह से बोल कर पढ़ना चाहिए।

दूसरा नियम- हनुमान चालीसा पढ़ने का दूसरा महत्‍वपूर्ण नियम है कि आप चालीसा को दिन में तीन बार पढ़ें। जी हाँ, सबसे पहले आपको सुबह नहाकर साफ सुथरे कपड़े पहनने के बाद हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए और इसके बाद दोपहर में फिर रात में सोने से पहले भी एक बार हनुमान जी का पाठ करना चाहिए। वहीं महिलाओं को हनुमान जी उपवास नहीं रखना चाहिए क्‍योंकि पीरियड्स की वजह से यदि वह किसी मंगलवार उपवास नहीं रख पातीं तो व्रत खंडित हो जाता है। इस वजह से महिलाओं को केवल हनुमान जी का पाठ करना चाहिए। 

तीसरा नियम - महिलाओं को हनुमान जी को छूना मना होता है क्‍योंकि वह ब्रह्मचारी थे। इस वजह से महिलाएं न तो हनुमान जी को वस्‍त्र चढ़ा सकती हैं और न ही वे जल से हनुमान जी को स्‍नाना करा सकती हैं। लेकिन बिना जल चढ़ाए कोई भी पूजा अधूरी मानी जाती हैं इस वजह से महिलाओं को हनुमान चालीसा का पाठ करने से पहले अपने सामने एक कलश में पानी भर कर रख लेना चाहिए और चालीसा पढ़ने के बाद उस जल को प्रसाद के रूप में ग्रहण कर लेना चाहिए।

चौथा नियम - शास्‍त्रों के अनुसार पीपल के पेड़ के नीचे बैठकर हनुमान जी का पाठ करना चाहिए। इस वजह से घर की जगह ऐसे मंदिर जाएं जहां पीपल के पेड़ की छाव हो और वहां बैठ कर हनुमान जी का पाठ करें।


पांचवा नियम - हनुमान चा‍लीसा का पाठ करते वक्‍त लाल रंग के वस्‍त्र पहनें और उन्‍हें गुड़ या बूंदी का प्रसाद चढ़ाएं। इस दौरान महिलाएं इस बात का भी ध्‍यान रखें कि हनुमान जी को प्रणाम करते वक्‍त सिर न झुकाएं क्‍योंकि हनुमान जी सभी महिलाओं को मां के स्‍थान पर रखते हैं। इसी के साथ ही पूरे दिन मन ही मन ‘राम-राम’ का जाप करें। 

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