आजकल बहुत से लोग झड़ते और रूखे बालों के झड़ने की समस्या से जूझ रहे है। बिगड़ती लाइफस्टाइल, प्रदूषण, अनहेल्दी खानपान, शरीर में पोषक तत्वों की कमी, और कई बार दवाओं या बीमारियों के कारण बालों से जुड़ी समस्याएँ पैदा होने लग जाती है। ऐसे में बालों की सही स्थिति जानना और उसी के अनुसार उपचार करना जरूरी है।
सिस्टीन हेयर ट्रीटमेंट
हेयर ट्रीटमेंट्स के बारें में बात की जाए तो केराटिन और बोटॉक्स जैसे महंगे विकल्पों के साथ साथ, सिस्टीन हेयर ट्रीटमेंट भी एक लोकप्रिय विकल्प है। डॉक्टर आंचल पंथ ने सोशल मीडिया पर इस विषय में सूचना दी है कि सिस्टीन ट्रीटमेंट बालों को सॉफ्ट और शाइनी बनाने में सहायता करती है।
सिस्टीन ट्रीटमेंट में ग्लाइकोक्सिलिक एसिड, सिस्टीन, और एसिटिक एसिड का इस्तेमाल किया जाता है। यह ट्रीटमेंट बालों की जड़ों पर कम नुकसानदायक होता है, लेकिन इसका असर सामान्यतः कम वक़्त के लिए रहता है और इसकी लागत भी अपेक्षाकृत ज्यादा होती है। यह लगभग केराटिन ट्रीटमेंट के समान होता है, लेकिन इसे ज्यादा सुरक्षित माना जाता है।
सिस्टीन और केराटिन में अंतर
केराटिन: यह एक प्रकार का प्रोटीन है जो बालों, स्किन, और नाखूनों के स्वास्थ्य को बनाए रखने में सहायता करता है।
सिस्टीन: यह एक अमीनो एसिड है जो केराटिन को बनाने में मदद करता है।
सिस्टीन ट्रीटमेंट का असर आमतौर पर 12 से 16 सप्ताह तक रहता है। हालांकि, यदि आप घुंघराले या रूखे बालों से राहत पाने के लिए हेयर ट्रीटमेंट करवा रहे हैं, तो यह जान लें कि इसका असर लंबे समय तक नहीं रहेगा।
हेयर ट्रीटमेंट से पहले ध्यान देने वाली बातें
डैमेज का पता लगाएं: सबसे पहले बालों के डैमेज का कारण जानना जरूरी है। अगर आपके बाल पहले से ही बहुत ज्यादा डैमेज हैं, तो हेयर ट्रीटमेंट से पहले एक एक्सपर्ट से सलाह लें।
केमिकल्स और हीट का उपयोग: केराटिन, सिस्टीन, और बोटॉक्स जैसे ट्रीटमेंट्स में केमिकल्स और हीट का इस्तेमाल किया जाता है। इनका उपयोग करने से पहले अपने बालों की स्थिति और स्वास्थ्य पर ध्यान देना महत्वपूर्ण है।
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