ज्ञानवापी केस: 'वो जमीन महादेव की, मुस्लिम जबरन पढ़ रहे नमाज़...', कोर्ट में बोला हिंदू पक्ष
ज्ञानवापी केस: 'वो जमीन महादेव की, मुस्लिम जबरन पढ़ रहे नमाज़...', कोर्ट में बोला हिंदू पक्ष
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वाराणसी: काशी स्थित विवादित ज्ञानवापी परिसर मामले में बुधवार को जिला जज ए।के। विश्वेश की अदालत में सुनवाई हुई। आज हिंदू पक्ष ने कोर्ट में अपनी दलीलें रखीं। हिंदू पक्ष के वकील हरिशंकर जैन ने अदालत में कहा कि 1991 का पूजा अधिनियम किसी भी तरीके से इस मामले में लागू नहीं होता है। मुस्लिम पक्ष जिस भूमि पर अपना दावा कर रहा है, वो जमीन आदि विश्वेश्वर महादेव की है। उस जमीन पर जबरन नमाज पढ़ी जा रही है। फिलहाल, अदालत ने अगली सुनवाई के लिए गुरुवार की तारीख मुकर्रर की है। कल एक बार फिर हिंदू पक्ष अपनी दलीलें रखेगा। आज कोर्ट में इस मामले पर कुल 120 मिनट तक जिरह हुई।

आज सुनवाई के दौरान राइट टू वरशिप ऐक्ट पर विष्णु शंकर जैन ने सर्वोच्च न्यायालय के एक पुराने केस का भी हवाला दिया। जैन ने कोर्ट में 16वीं शताब्दी का इतिहास बताया। इसके साथ ही उन्होंने काशी का इतिहास, वैभव आदि का भी हवाला दिया। 8 मंडप का जिक्र किया। हरिशंकर जैन ने कहा कि ज्ञानवापी परिसर के सर्वे के दौरान गदा, शंख, चक्र, त्रिशूल, कमल, सूर्य के प्रमाण यह साबित करते हैं कि यह मंदिर ही है। उन्होंने कहा कि, पश्चिमी तरफ ध्वंस आराध्य स्थल में हिंदू प्रतीकों की बहुल्यता यह सिद्ध करती है कि यही आदि विश्वेश्वर हैं।

इससे पहले मंगलवार को मुस्लिम पक्ष ने कोर्ट में अपनी दलीलें रखी थीं। इसके बाद हिंदू पक्ष ने अपनी बात रखी थीं। वहीं, सुनवाई से पहले मुस्लिम पक्ष ने नई याचिका दायर की है। इसमें वकील विष्णु जैन को केस से हटाने की मांग की गई है। याचिका में कहा गया है कि विष्णु जैन वादी और प्रतिवादी दोनों पक्षों से मुकदमा लड़ रहे हैं। मुस्लिम पक्ष की ओर से लगाई गई याचिका पर हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा कि तकनीकी आधार पर यह याचिका खारिज कर दी जाएगी। उन्होंने कहा कि, वे सुप्रीम कोर्ट में यूपी सरकार का प्रतिनिधित्व करते हैं। मगर यहां हिंदू पक्ष की ओर से बहस कर रहे हैं। उन्होंने दावा किया कि यूपी सरकार की ओर से उन्होंने वकालतनामा दायर नहीं किया है। यही नहीं विष्णु शंकर जैन ने कहा कि, ऐसे में मामले में यूपी सरकार केवल एक फॉर्मल पार्टी है। अयोध्या केस में भी ऐसा ही था, जो तमाम आदेशों के लागू करने को सुनिश्चित करती है। 

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