सिखों के चौथे गुरू थे, गुरू रामदास
सिखों के चौथे गुरू थे, गुरू रामदास
Share:

भारत में सिख समुदाय को बढ़ावा देने के लिए गुरू रामदास जी का नाम सभी को याद है और देश में गुरू रामदास जी सिख समुदाय के चौथे गुरू कहलाए थे और उन्हें चौथे गुरू नानक के रूप में सभी जानते हैं, गुरू रामदास जी का जन्म 9 अक्टूबर 1534 को लाहौर में हुआ था उस समय उनका परिवार गरीबी से जूझ रहा था। गुरू रामदास जी का जन्म जिस स्थान पर हुआ था वह अब पाकिस्तान के हिस्से में आता है इसके अलावा जब वे सात साल के थे तब उनके माता पिता का देहांत हो गया था और फिर वे दादी के पास रहने लगे थे। गुरु रामदास जी की मृत्यु 16 सितंबर 1581 में हुई थी।  

 

क्या महात्मा गांधी देशभक्त भगत सिंह को फांसी से बचा सकते थे

गुरू रामदास मुख्य रूप से पंजाबी सिखों के गुरू माने जाते थे और उन्हें गुरू की उपाधि 30 अगस्त 1574 को प्राप्त हुई। गुरू रामदास जी ने भारत में अंग्रेजों के शासनकाल से ही सिख समुदाय को बढ़ावा दिया था, जब देश में अंग्रेजी हुकूमत थी और अंग्रेज लगातार एक एक करके शहर तबाह कर रहे थे तब उन्होंने एक पवित्र शहर का निर्माण शुरू किया जिसका नाम रामसर रखा गया और वर्तमान समय में लोग रामसर को अमृतसर के नाम से पहचानते हैं। 

भगत सिंह जयंती २०१८ :राख का हर एक कण मेरी गर्मी से गतिमान है

 

अपने जीवन में संघर्ष करते हुए आगे बढ़े गुरू रामदास जी एक बड़े ही सरल स्वभाव के थे वे अपनी भक्ति और सेवा के लिए ही प्रसिद्ध थे और उन्होंने अपने जीवन में बहुत सारे सतकार्य भी किए थे। इसके अलावा गुरू रामदास साहिब जी ने सिख धर्म में शादी के सात फेरों की भी रचना की थी और सरल समाज की गुरमत मर्यादा को समाज के सामने रखा। इस तरह उन्होंने सिख समुदाय को एक विलक्षण वैवाहिक पद्धति दी थी। 

जन्मदिन विशेष: भगत सिंह का देश प्रेम और जालियां वाला बाग

जन्मदिन विशेष: सरदार भगत के बचपन की अनसुनी दास्ताँ

'मेक इन इंडिया' का नारा लगाने वाले मोदी सरदार पटेल की मूर्ति भी चीन से बनवा रहे है : राहुल गांधी

रिलेटेड टॉपिक्स
- Sponsored Advert -
मध्य प्रदेश जनसम्पर्क न्यूज़ फीड  

हिंदी न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_News.xml  

इंग्लिश न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_EngNews.xml

फोटो -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_Photo.xml

- Sponsored Advert -