गुरु की आराधना करने से पहले जरूर जान लें यह नियम
गुरु की आराधना करने से पहले जरूर जान लें यह नियम
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आप सभी जानते ही होंगे हर साल मनाई जाने वाली गुरु पूर्णिमा इस साल भी आने वाली है.  यह आने वाले 5 जुलाई को है.  ऐसे में आज हम आपको बताने जा रहे है कि गुरु की आराधना करने से पहले किन नियमों का ध्यान रखना चाहिए. आइए बताते है.  

नियम -

- कहा जाता है ब्रह्मलीन हो चुके सद्गुरुओं की प्रतिमा, चित्र या फिर उनकी पादुका का पूजन करके और जीवित गुरुओं के चित्र का पूजन कर अपने भक्ति-भाव को प्रकट करना सही माना जाता है. 

- कहते है गुरु के पास विनम्र भाव से जाना चाहिए और उन्हें झुक कर प्रणाम करना शुभकारी होता है. इसके अलावा गुरु के पास समर्पित भाव से जाने पर उनकी अत्यधिक कृपा होना शुरू हो जाती है. 

- कहा जाता है गुरु के पास उनकी आज्ञा लेकर ही मिलने जाना चाहिए और उनकी आज्ञा लेकर ही प्रस्थान करना चाहिए. 

- कहते है गुरु से मिले दिव्य मंत्र का जप और मनन हमेशा करना चाहिए लेकिन भूल से भी किसी दूसरे से इस बारे में बात नहीं करना चाहिए. 

- आपको बता दें कि सच्चे गुरु का सान्निध्य, उनकी कृपा और आशीर्वाद पाने के लिए पहले सुपात्र बनना चाहिए क्योंकि यदि आपके पात्र में जरा सा भी छेद होगा तो गुरु से मिले अमृत ज्ञान को आप खो सकते है. 

- कहते है भूल से भी अपने गुरु को नाराज नहीं करना चाहिए क्योंकि एक बार यदि ईश्वर आपसे नाराज हो जाएं तो सद्गुरु आपको बचा सकते है लेकिन यदि गुरु नाराज हो गए तो ईश्वर भी मदद नहीं कर पाते. 

- कहा जाता है गुरु की पूजा का अर्थ उनके प्रति अपनी श्रद्धा और आभार प्रकट करना माना जाता है. 

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