गुलजार ने की साहित्यकारों की सुरक्षा की मांग
गुलजार ने की साहित्यकारों की सुरक्षा की मांग
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पटना : साहित्यकारों द्वारा अपने साथी साहित्यकार प्रो. कलबुर्गी और दादरी मसले पर उपजी हिंसा व दूसरे मामलों को लेकर अपने अवार्ड लौटा तो दिए लेकिन अब इस मसले पर साहित्यकार एक मत नहीं हैं। साहित्यकारों का एक गुट अपना पुरस्कार वापस लेने पर अड़ा है तो दूसरा गुट पुरस्कार लौटाने को सही बता रहा है। ऐसे में लोकप्रिय पटकथा, शायरी लेखक गुलजार ने कहा कि अवार्ड लौटाकर हम अधिकार नहीं छोड़ रहे हैं।

उन्होंने कहा कि यदि सरकार साहित्यकारों का ध्यान नहीं रखती है तो यह बहुत बड़ी गड़बड़ है। मगर साहित्य अकादमी  अवार्ड सरकार तो नहीं देती है। अवार्ड साहित्य अकादमी प्रदान करती है। साहित्यकारों को अवार्ड लौटने से पहले सोचना चाहिए था कि अवार्ड किसका है। साहित्य अकादमी स्वायत्त तौर पर कार्य करती है। 

दरअसल साहित्यकार गुलजार एक होटल में पटनावासियों से रूबरू हुए। गुलजार ने साहित्य अकादमी पुरस्कार लौटाने को लेकर कहा कि वे पुरस्कार लौटा रहे हैं मगर उन्हें यह देखना जरूरी है कि साहित्य एकेडमी का पुरस्कार है या नहीं। केंद्र सरकार का यह पुरस्कार ही नहीं है। दूसरी ओर साहित्यकारों को संरक्षण दिया जाना जरूरी है। उन्होंने साहित्यकारों की सुरक्षा की मांग की। उनका कहना था कि हर दौर में साहित्यकारों का बड़ा योगदान होता है। 

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