गुजरात में शराब बैन लेकिन GIFT के लिए ढील दे सकता है गुजरात
गुजरात में शराब बैन लेकिन GIFT के लिए ढील दे सकता है गुजरात
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गुजरात/गांधीनगर: इंटरनैशनल फाइनैंस ऐंड टेक-सिटी 'गिफ्ट' सिटी के मैनेजिंग डायरेक्टर ऐंड ग्रुप चीफ ऐग्जिक्युटिव रमाकांत झा ने बताया कि गिफ्ट एनक्लेव को 'डीम्ड फॉरन टेरिटरी' माना जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सपनो का शहर गुजरात में भले ही शराब पर वर्षों से बैन लगा है, लेकिन गुजरात इंटरनैशनल फाइनैंस ऐंड टेक-सिटी (गिफ्ट) को दुबई और सिंगापुर जैसे इंटरनैशनल फाइनैंस सेंटर्स की टक्कर में लाने के लिए इस रूल में छूट दी जा सकती है। गुजरात में आने वाले विजिटर्स को पहले ही इंटरनेट पर शराब परमिट जारी किए जाते हैं। झा ने कहा, 'गिफ्ट सिटी के नजदीक होटेल और क्लब खुलने पर विजिटर्स काउंटर पर अपने परमिट ले सकेंगे।' एक अन्य वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अभी इस एरिया में अल्कोहल सर्व करने का कोई प्रविजन नहीं है, लेकिन इस जगह के अंतरराष्ट्रीय महत्व को ध्यान में रखते हुए ऐसे इंतजाम करने होंगे क्योंकि बड़ी संख्या में इंटरनैशनल विजिटर्स यहां आएंगे। अभी समस्या इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी को लेकर है। गिफ्ट सिटी में कुछ इंस्टिट्यूशंस ने काम करना शुरू कर दिया है, लेकिन यहा एंटरटेनमेंट से जुड़ी सुविधाएं नहीं हैं। यहां एक क्लब बनाया जा रहा है, लेकिन इसे शुरू होने में एक वर्ष लगेगा। तब तक विजिटर्स को मौजूदा लिकर परमिट सिस्टम के साथ काम चलाना होगा।

गुजरात सरकार ने पहले नरेंद्र मोदी और अब आनंदीबेन पटेल की अगुवाई में राज्य को कारोबारियों के लिए आकर्षक बनाने और उन्हें इन्वेस्टमेंट के लिए प्रेरित करने के लिए काफी कोशिशें की हैं। इस वर्ष के गुजरात वाइब्रेंट समिट से पहले शुरू किया गया ई-परमिट सिस्टम होटेल्स के मैनेजर्स को डॉक्युमेंट्स वेरिफाई कर लिकर बेचने और इंटरनेट पर परमिट जारी करने की सुविधा देता है। गुजरात में इस तरह के 35 होटल हैं। इनमें से नौ अहमदाबाद और एक गांधीनगर में है। परमिट एक सप्ताह के लिए दिया जाता है। इसे बाद में एक सप्ताह और अधिकतम एक महीने के लिए बढ़ाया जा सकता है। सरकार अहमदाबाद इंटरनैशनल एयरपोर्ट पर स्पॉट लिकर परमिट भी जारी करती है। इसके बावजूद कारोबारियों का कहना है कि लिकर पर बैन से इन्वेस्टमेंट हासिल करने में रुकावट पैदा हो रही है। गुजरात चेंबर ऑफ कॉमर्स ऐंड इंडस्ट्री के प्रेजिडेंट रोहित पटेल ने कहा, 'अल्कोहल पर बैन की वजह से हमें टूरिज्म के साथ ही ह्यूमन रिसोर्सेज के अच्छे टैलंट का भी नुकसान हो रहा है क्योंकि दुनिया के बाकी हिस्सों में अल्कोहल जिंदगी का हिस्सा है और यहां इसके उपलब्ध न होने से बिजनस पर नेगेटिव असर पड़ता है।

राज्य सरकार ने 2007 में एक पॉलिसी से जुड़े फैसले के तहत स्पेशल इकनॉमिक जोन (सेज) में लिकर की बिक्री को अनुमति दी थी, लेकिन यह फैसला अभी तक लागू नहीं हो पाया है। गुजरात के फाइनैंस मिनिस्टर सौरभ पटेल ने बताया, 'कई वर्षों से हम दिल्ली से क्लियरेंसेज लेने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन पिछले एक वर्ष के दौरान केंद्र सरकार की मदद से हमें सेबी और आरबीआई से सभी जरूरी क्लियरेंस मिली हैं।' गिफ्ट सिटी भारत का पहला मल्टि-सर्विस सेज है, जिसे इंटरनैशनल फाइनैंशल सर्विसेज सेंटर (आईएफएससी) का दर्जा मिला है। इसका मकसद ग्लोबल कंपनियों को वर्ल्ड-क्लास इंफ्रास्ट्रक्चर और सुविधाएं देकर देश में फाइनैंशल सर्विसेज के लिए बड़ी संभावनाओं का फायदा उठाना है। गिफ्ट सिटी में पहले ही बहुत से इंटरनैशनल बैंक दिलचस्पी दिखा चुके हैं। इस प्रॉजेक्ट की योजना 2007 में नरेन्द्र मोदी के मुख्यमंत्री रहने के समय पेश की गई थी। इसका कंस्ट्रक्शन 2011 में शुरू हुआ और उसी वर्ष इसे सेज और आईएफएससी का दर्जा मिला था। पिछले वर्ष मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद इसे लेकर तेजी से काम शुरू हुआ था।

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