ब्रेल लिपि हुई पुरानी, अब इस सॉफ्टवेयर से पढ़ाई करेंगे गुजरात के नेत्रहीन छात्र
ब्रेल लिपि हुई पुरानी, अब इस सॉफ्टवेयर से पढ़ाई करेंगे गुजरात के नेत्रहीन छात्र
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अहमदाबाद: नेत्रहीन छात्रों को पढ़ाने के लिए अभी तक ऑडियो रिकॉर्डिंग या तो ब्रेल लिपि किताबों का इस्तेमाल किया जाता है, किन्तु गुजरात की सबसे बड़ी और सबसे पुरानी यूनिवर्सिटी गुजरात यूनिवर्सिटी ने एक सॉफ्टवेयर इंस्टॉल किया है, इस सॉफ्टवेयर का नाम है कीबो सॉफ्टवेयर. इस कीबो सॉफ्टवेयर की सहायता से कोई भी पुस्तक को स्कैन करके उसे 10 अलग अलग भाषाओं में सुना जा सकता है और 100 भाषा में अनुवाद करके पढ़ा भी जा सकता है. इस सॉफ्टवेयर से नेत्रहीन छात्रों को पढ़ाई में काफी फायदा होगा.  

नेत्रहीन छात्र अब किताब स्कैन कर उसे सुन सकेंगे और पढ़ाई भी कर सकेंगे. कीबो सॉफ्टवेयर यानी 'क्नोव्लेद्गव इन बॉक्स सॉफ्टवेयर' गुजरात यूनिवर्सिटी के लाइब्रेरी में रखा गया है. इस सॉफ्टवेयर की एक और विशेष बात यह है कि इस सॉफ्टवेयर को किसी विदेशी कंपनी या विदेशी विद्यार्थी ने नहीं, बल्कि अहमदाबाद की निरमा यूनिवर्सिटी से इंजीनियरिंग की डिग्री प्राप्त कर चुके बोनी दवे ने बनाया है. महज 30 हजार की कीमत में इस सॉफ्टवेयर सहित एक हार्डवेयर के साथ का यूनिट मिल जाता है.

इस सॉफ्टवेयर को चलाने के लिए कंप्यूटर या मोबाइल का इस्तेमाल किया जा सकता है. इस सॉफ्टवेयर को गुजराती, इंग्लिश, हिंदी, मराठी, पंजाबी, बंगाली, तमिल, तेलुगु, कन्नड़ और मलयालम भाषा में पढ़ा और सुना जा सकता है. कीबो सॉफ्टवेयर से 10 भाषा में पुस्तक पढ़ सकते हैं और 100 भाषा में पुस्तक का अनुवाद कर सकते हैं.

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