यहाँ जानिए कब से शुरू होगा गुड़ी पड़वा का पर्व और क्या है इसकी कहानी
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आप सभी को बता दें कि इस बार 6 अप्रैल को गुड़ी पड़वा है. ऐसे में इस त्यौहार को मुख्य रुप से महाराष्ट्र में मनाया जाता है. कहते हैं चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा पर नए हंदू वर्ष की शुरुआत होती है और उसके शुरुआत की खुशी को लेकर मनाया जाता है तो आइए जानते हैं गुड़ी पड़वा पर्व तिथि व मुहूर्त.

प्रतिपदा तिथि आरंभ – 14:20 (5 अप्रैल 2019)
प्रतिपदा तिथि समाप्त – 15:23 (6 मार्च 2019)

गुड़ी पड़वा मनाने को लेकर कथाएं - दक्षिण भारत में गुड़ी पड़वा की लोकप्रियता का कारण इस पर्व से जुड़ी कथाओं से समझा जा सकता है. दक्षिण भारत का क्षेत्र रामायण काल में बालि का शासन क्षेत्र हुआ करता था. जब भगवान श्री राम माता को पता चला की लंकापति रावण माता सीता का हरण करके ले गये हैं तो उन्हें वापस लाने के लिये उन्हें रावण की सेना से युद्ध करने के लिये एक सेना की आवश्यकता थी. दक्षिण भारत में आने के बाद उनकी मुलाकात सुग्रीव से हुई. सुग्रीव ने बालि के कुशासन से उन्हें अवगत करवाते हुए अपनी असमर्थता जाहिर की. तब भगवान श्री राम ने बालि का वध कर दक्षिण भारत के लोगों को उनसे मुक्त करवाया.

मान्यता है कि चैत्र शुक्ल प्रतिपदा का ही वो दिन था. इसी कारण इस दिन गुड़ी यानि विजयपताका फहराई जाती है. एक और प्राचीन कथा शालिवाहन के साथ भी जुड़ी है कि उन्होंने मिट्टी की सेना बनाकर उनमें प्राण फूंक दिये और दुश्मनों को पराजित किया. इसी दिन शालिवाहन शक का आरंभ भी माना जाता है. 

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