style="text-align: justify;">नई दिल्ली : वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) विधेयक 24 अप्रैल को लोकसभा में पेश किया जा चुका है, और उसे पारित करने के लिए उस पर सोमवार को चर्चा की जाएगी। सरकार ने रविवार को यह जानकारी दी। एक आधिकारिक बयान के मुताबिक, "जीएसटी विधेयक (संविधान का 122वां संशोधन विधेयक 2014) को सोमवार को लोकसभा में चर्चा के लिए और उसे पारित करने के लिए सूचीबद्ध किया गया है।"
लोकसभा में शुक्रवार को सोनिया गांधी की अध्यक्षता में कांग्रेस पार्टी, तृणमूल कांग्रेस, वाम दल और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ने सदन से वहिर्गमन कर दिया था।
इन दलों ने संविधान संशोधन विधेयक को स्थाई समिति के पास भेजने का आग्रह किया था। उनका आग्रह अस्वीकार होने पर वे सदन से बहिर्गमन कर गए थे।
इस दौरान, जीएसटी विधेयक पर विपक्ष के संसद से बहिर्गमन के बाद केंद्रीय ेवित्त राज्यमंत्री जयंत सिन्हा ने शनिवार को कहा था कि इस विधेयक को सदन में पारित कराने में सरकार के सामने किसी तरह के गतिरोध की संभावना नहीं है।
सिन्हा ने कोलकाता में संवाददाताओं से कहा था, "राज्य के वित्त मंत्रियों की अधिकार प्राप्त समिति के साथ हमारी चर्चा से पता चलता है कि इस विधेयक पर व्यापक सहमति है। हमें जीएसटी विधेयक पर किसी तरह के विरोध की संभावना नहीं है।"
देश में औद्योगिक विकास और व्यापार परिवेश में सुधार में एक मुख्य उत्प्रेरक के रूप में कानून बनने के लिए जीएसटी विधेयक को संसद के दोनों सदनों में दो-तिहाई बहुमत और देश के आधे राज्यों की विधानसभाओं द्वारा पारित किए जाने की जरूरत है।
केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा लगाए गए अधिकांश अप्रत्यक्ष करों जैसे उत्पाद शुल्क, सेवा कर, वैट और बिक्री कर को समाप्त कर देश भर में जीएसटी को लागू कर बाजार को सुविधाजनक बनाया जाएगा।
सरकार अप्रैल 2016 से पहले नए जीएसटी विधेयक को लागू करने की कोशिश कर रही है।
बयान के मुताबिक, मौजूदा सत्र के दूसरे सप्ताह में लोकसभा में वित्त विधेयक भी पारित होना है।