पटना : बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी द्वारा कहा गया है कि गठबंधन टूटने के बाद बिहार की विकास दर कम हो जाने को लेकर किया गया उनका दावा आज भी वैसा का वैसा ही है। ये दावे भाजपा आज भी कर रही है। नीति आयोग की रिपोर्ट में भारतीय जनता पार्टी के दावे की पुष्टि भी की गई है। उनका कहना था कि गठबंधन सरकार के आखिरी वर्ष 2012 से 2013 की दर 3.1 प्रतिशत कम थी। वर्ष 2014 से 2015 जो मामूली सुधार हुआ है तो इसका श्रेय नीतीश कुमार को नहीं बल्कि तत्कालीन मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी को जाता है।
उन्होंने कहा कि इस समय का लाभ भी नीतीश ने उठा लिया। मोदी ने कहा कि गठबंधन सरकार ने वर्ष 2012 - 13 में विकास की दर 20.70 प्रतिशत हासिल की। गठबंधन टूटने के बाद 2013-14 में घटकर 17.05 प्रतिशत रह गई। बीते वर्ष यह गिरावट 3.65 प्रतिशत रही। भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता मोदी ने कहा कि गठबंधन टूटने के बाद विकास दर में कमी आती चली गई।
उनका कहना था कि बिहार की आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट में कहा गया कि यह बात प्रमाणित हो रही है कि विकास दर को 2013 से 14 में हासिल नहीं किया जा सकता है। इसकी तुलना विकास दर में 0.55 प्रतिशत का सामान्य सुधार ही हुआ। उन्होंने जो बातें कहीं उसे मौजूदा महागठबंधन सरकार को लेकर भी देखा जा रहा है। माना जा रहा है कि लालू - नीतीश के गठबंधन में बिहार को कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। अपराध पर नियंत्रण सरकार के लिए एक बड़ी परेशानी हो सकती है।