Sep 28 2016 09:13 PM
भारत के पंजीयक महानिदेशक व इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के संयुक्त शोध में चोकाने वाले आंकड़े सामने आये है. जिसके अनुसार, हर वर्ष हृदय रोगों से होने वाली मौत के मामलो में महिलाओ की तादात पुरुषो से अधिक हो गयी है. शोध के अनुसार 5.8 फीसदी भारतीय महिलाओ में धन्मियो से जुडी दिल की बीमारिया होती है. ज्यादातर महिलाओ की इसी बीमारी से अचानक मौत हो जाती है.
दरअसल आज के इस दौर में शहरी महिलाओ पर बाहरी कामकाज और घर-गृहस्थी में एक साथ तालमेल बैठने के चलते काफी तनाव है. जिससे ह्रदय रोग होने की संभावनाए दो गुना तक बढ़ जाती है. इसके अलावा मोटापा, व्यायाम से दूरी, फैमिली हिस्ट्री, धूम्रपान और अधिक शुगर से भी महिलाओ में ह्रदय रोग के खतरा बढ़ जाता है.
इसके अलावा जिन महिलाएं को मोटापा समय से पहले (50 साल) आता है, या कोई सर्जरी के दौर से गुजरी हों, उनमे हृयद रोग होने का खतरा काफी बढ़ जाता है. खानपान, व्यायाम व लाइफस्टाइल में बदलाव से इस समस्या से निजात पाया जा सकता है.
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