एथेंस : ग्रीस के आर्थिक हालत बेहद खराब हो चुके हैं। हालात ये हैं कि इसकी अर्थव्यवस्था लगातार कर्ज के बोझ में डूबती जा रही है। ऐसे में सरकार को अपने बैंकों को कुछ समय तक बंद करना पड़ा है। यही नहीं लोगों द्वारा ट्रांसेक्शन के लिए उपयोग में लाई जाने वाली एटीएम मशीन पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है। लोग एटीएम से केवल 60 यूरो तक का ट्रांसेक्शन कर सकेंगे। अर्थात् अब ग्रीस को भी भारत के बचत और कम खर्च की राह पर चलना होगा। जी हां, ग्रीस में ऐसे ही कुछ हालात बन रहे हैं। जिसमें 30 जून तक अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष को डेढ़ अरब यूरो लगभग 12000 करोड़ रूपए का भुगतान करना होगा। यदि ग्रीस द्वारा ऐसा नहीं किया जाता है तो वह यूरोजोन से बाहर हो सकता है।
ऐसे में इसका असर यूरोप सहित विश्व की अर्थव्यवस्था पर हो सकता है। यदि ऐसा होता है तो ग्रीस बेस्ड मल्टीनेशनल कंपनियों और अंतर्राष्ट्रीय शेयर बाजार पर गहरा असर पड़ सकता है। हालात ये हो गए हैं कि यूरोपीय सेंट्रल बैंक द्वारा ग्रीस की बैंकिंग सिस्टम को इमरजेंसी फंड देने से इंकार कर दिया गया है।
मामले में कहा गया है कि आईएमएफ एमडरी क्रिस्टीन लेगार्ड का मानना है कि ग्रीस के साथ चर्चा करने के लिए वे तैयार हैं, बस ग्रीस को भी रूचि दिखानी होगी। उल्लेखनीय है कि ग्रीस ही नहीं दुनिया के विभिन्न देश आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं। मगर ग्रीस में गहराते आर्थिक संकट के कारण शेयरों में गिरावट देखने को मिल रही है।