ग्रीस संकट से दुनिया में हलचल, भारतीय अर्थव्यस्था पर हो सकता है बुरा असर
ग्रीस संकट से दुनिया में हलचल, भारतीय अर्थव्यस्था पर हो सकता है बुरा असर
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ग्रीस: दिवालिया होने के कगार पर आ चुके ग्रीस से अब सम्पूर्ण विश्व की अर्थव्यवस्था में मंदी आने का भय व्याप्त हो गया है. इसी संदेह के कारण सोमवार को सभी प्रमुख शेयर बाजारों में भारी गिरावट देखने को मिली. अगर पांच जुलाई तक ग्रीस संकट का कोई ठोस समाधान नहीं निकलता है, तो उसका सीधा असर दुनिया के व्यवसाय पर दिखाई देगा. इसी कारण शेयर बाजार में बिकवाली बढ़ने के साथ-साथ, कच्चे तेल की और गोल्ड की कीमतों में भी उतार-चढ़ाव देखा जा सकता है. ग्रीस का संकट भारतीय अर्थव्यवस्था को भी प्रभावित करेगा. इसकी वजह से भारतीय रुपए से लेकर एक्सपोर्ट और विदेशी निवेश सभी पर दबाव दिखाई देगा. भारत सरकार भी यह आशंका व्यक्त कर चुकी है कि विदेशी निवेशक ग्रीस संकट की वजह से शेयर बाजार में बिकवाली की संभावना है,

क्या हो सकता है भारतीय अर्थव्यवस्था पर प्रभाव 
जानकारों का मानना है कि ग्रीस संकट की वजह से भारतीय शेयर बाजार में हलचल, डॉलर के मुकाबले रुपये के मूल्य में कमी, गोल्ड की कीमतों में वृद्धि, निर्यात में कमी, आयात महंगा और क्रूड ऑयल की कीमतों में वृद्धि की सम्भावना हैं. इससे देश से सॉफ्टवेयर और इंजीनियर निर्यात पर भी गहरा प्रभाव हो सकता है.

शेयर बाजार में जारी रह सकती है बिकवाली
ग्रीस संकट के चलते शेयर बाजार में हलचल होने लगी है. वैसे, विशेषज्ञों का मानना है कि भारत का यूरोपीय यूनियन के साथ जितना कारोबार है, ग्रीस से उसका मात्र 2 फीसदी कारोबार ही है. इसलिए इसका प्रभाव लीमन ब्रदर्स के दिवालिया होने के बाद 2008 में भारतीय बाजारों में जिस तरह का भूकम्प आया था वैसा नहीं होने वाला है. विशेषज्ञ मानते हैं कि बाजार ग्रीस संकट का अनुमान पहले से लगा चुका है, इससे भी उसे इस संकट से बाहर निकलने में सहायता मिलेगी. लेकिन वे भी इस बात को अस्वीकार  नहीं करते हैं कि छोटी अवधि के लिए ग्रीस संकट का प्रभाव भारतीय बाजारों पर अवश्य होगा. वित्त सचिव राजीव महर्षि ने भी सोमवार को स्वीकार किया कि ग्रीस संकट की वजह से भारतीय बाजार से विदेशी निवेशक पैसा निकाल सकते हैं.

गोल्ड के दाम में हो सकता है इजाफा 
ग्रीस संकट बढ़ने  से दुनियाभर के शेयर बाजारों में भारी गिरावट देखने को मिली है. ऐसे में निवेशक सुरक्षित निवेश के रूप में सोने में निवेश की तरफ अपना मन बना रहे है. जिससे सोने की मांग में अचानक तेजी आई है. वैश्विक बाजार में सोने के भाव 10 डॉलर तक बढ़ गए है. वहीं, घरेलू बाजार में सोना में एक फीसदी तेजी दिखी है. बाजार के विशेषज्ञों  के अनुसार अगर ग्रीस संकट का हल  नहीं निकलता है तो सोना कम अवधि में 1200 डॉलर प्रति औसत स्तर को पार कर जाएगा. इससे सोने का आयात भी महंगा होगा, जिससे देश का ट्रेड डेफिसिट और बढ़ेगा और भुगतान संतुलन की स्थिति में ज्यादा गिरावट देखि जायेगी.

आयात होगा महंगा
ग्रीस संकट गहराने से डॉलर की मांग में इजाफा हुआ है जिसका दबाव रुपए पर दिखाई दे रहा है. सोमवार को अमेरिकी डॉलर की अपेक्षा रुपया 20 पैसे कमजोर होकर 63.84 के स्तर पर बंद हुआ. आयातकों और बैंकर्स के द्वारा डॉलर में खरीददारी से रुपए में और अधिक गिरावट आ सकती है. फॉरेक्स एक्सपर्ट का के अनुसार ग्रीस के डिफॉल्ट होने पर रुपए में और गिरावट देखी जा सकती है. घरेलू बाजार में कोई मजबूत संकेत नहीं होने से भी रुपए पर दबाव स्पष्ट दिख रहा है. मानना है कि अगर रुपया 65 के नीचे जाता है तो बाजार के लिए समस्याएं और बढ़ जाएगी. इसका साफ प्रभाव आयात पर पड़ेगा, जो पहले की अपेक्षा महंगा हो जाएगा.

डॉलर के मजबूत होने और रुपए के कमजोर होने से क्रूड का आयात में उछाल आएगा. भारत अपनी क्रूड जरूरत का करीब 80 फीसदी आयात करता है. अमेरिका में क्रूड के उत्पादन में कमी और डॉलर इंडेक्स में आये इजाफे से भी क्रूड पर दबाव देखा जा सकता है. 2014-15 में भारत का क्रूड आयात 6,87,369 करोड़ रुपए का रहा था.

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