फिलीपींस : करीब 47 साल पहले जिस बच्ची को उसके माता-पिता ने चर्च में लावारिस छोड़ दिया था, आज वही बच्ची फिलीपींस के राष्ट्रपति पद की होड में सबसे आगे है. हालांकि सीनेटर ग्रेस पोए की उम्मीदवारी को यह कहकर चुनौती दी गई थी कि वह फिलीपींस की मूल नागरिक नहीं हैं, बल्कि उन्हें गोद लिया गया है. लेकिन एक ट्रिब्यूनल ने अपने फैसले में उनकी उम्मीदवारी रद्द करने की मांग को खारिज कर दिया.
आप को बता दें कि चर्च में छोड़े जाने के बाद पोए को फिलीपींस के एक अभिनेता परिवार ने गोद लिया था. पोए जनता के बीच काफी लोकप्रिय हैं. हाल ही में हुए सर्वे में ग्रेस पोए जनता की पहली पसंद बनकर सामने आई. पोए अमेरिका में शिक्षक भी रह चुकीं हैं.
इससे पहले भी हो चुका है विरोध
इससे पहले भी जब वह साल 2013 में सीनेट का चुनाव लड़ रही थीं तब भी सीनेटर ने उनका विरोध किया था . उनके विरोधियों ने नागरिकता के मामले में उनका विरोध किया था. लेकिन इस पर उनकी उमीदवारी पर कोई फर्क नहीं पड़ा और वो चुनाव जीतने में सफल रहीं थी.
6 सीनेटरों और 3 जजों के ट्रिब्यूनल ने पोए की नागरिकता रद्द करने की याचिका मंगलवार को 4 के मुकाबले 5 मतों से ठुकरा दी. ट्रिब्यूनल ने उन्हें जन्म से फिलीपींस का नागरिक माना.
ग्रेस पोए ने खुशी जाहिर करते हुए अपने समर्थकों का शुख्रियादा करते हुए कहा कि 'मैं दिल से उन लोगों का शुक्रिया अदा करती हूं जिन्होंने न्याय का साथ दिया, आपके समर्थन से और मुझ जैसे दूसरे अनाथ बच्चों को भी ताकत मिलेगी.