राजस्थान के गौरवशाली और विशाल इतिहास में एक बार फिर छेड़छाड़ का मामला सामने आया है. इस हरकत ने फिर से क्षत्रिय समाज उद्धेलित किया है. यह ऐतिहासिक छेड़छाड 10 वी और 12 वी क्लास की किताबों में की गई है. बता दे कि इस बार विरोध राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड द्वारा 2017 से चली आ रही कक्षा दसवीं व बाहरवीं की इतिहास की पुस्तकों में किए गए त्रुटिपूर्ण बदलाव का है. आरोप यह है कि इनमें हल्दीघाटी के युद्ध से जुड़े ऐतिहासिक तथ्यों से छेड़छाड़ की गई है. इस युद्ध में अकबर की सेना से महाराणा प्रताप की पराजय होना साबित किया गया है, जबकि तीन साल से चल रही इन पाठ्य पुस्तकों में इतिहासकारों के हवाले से हल्दीघाटी युद्ध में अकबर की सेना की असफलता वर्णित की गई थी.
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इस विवाद में अब पंजाब के राज्यपाल वीपी सिंह बदनौर भी जुड़ गए है. उन्होने सीधे तौर पर इस बात का विरोध किया हैं. उन्होंने राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र को पत्र लिखकर मांग की है कि वे इतिहासकारों और शिक्षाविदों की एक उच्चस्तरीय कमेटी बनाएं और इतिहास का उपहास उड़ाने वाली इन गलतियों को सुधरवाएं.
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आपकी जानकारी के लिए बता दे कि बदनौर ने राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की कक्षा दसवीं व बाहरवीं की इतिहास की पुस्तकों में बदलाव लगातार तुल पकड़ते जा रहा है. जिसमें मेवाड़ के महाराणा उदयसिंह को बनवीर का हत्यारा बताने और महाराणा प्रताप-अकबर के बीच हुए विश्व प्रसिद्ध हल्दीघाटी युद्ध के ऐतिहासिक तथ्यों को तोड़मरोड़ कर प्रकाशित करने पर गंभीर नाराजगी जताई है. राज्यपाल बदनौर खुद राजस्थान में एक रजवाड़े के मुखिया हैं.
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