नई दिल्ली। भारत समेत पूरी दुनियाँ भर में अवैध तरीको से रह रहे रोहिंग्यों के मामले को लेकर दुनिया भर में बहुत विवाद हो रहे है और भारत भी इन विवादों से बचा नहीं है। कुछ दिनों पहले ही केंद्र सरकार ने असम में काफी समय से अवैध तरीके से रह रहे सात रोहिंग्या मुस्लिमों को वापस भेजा था जिसका देश में काफी विरोध भी हुआ था।
रोहिंग्यों को जबरन वापिस भेजना अंतर्राष्ट्रीय कानून के खिलाफ- संयुक्त राष्ट्र
इस मामले में देश भर के रोहिंग्या कुछ दिनों से सरकार से गुहार लगा रहे थे कि उन्हें इस तरह वापस म्यांमार ने भेजा जाए क्योंकि म्यांमार में उन्हें बुरी तरह से प्रताड़ित किया जाता था और कई बार उन्हें जान का खतरा भी बना रहता है। अब हाल ही में म्यांमार सरकार ने भी भारत सरकार अनुरोध किया है कि वो रोहिंग्या शरणार्थियों की पुख्ता पहचान करने के बाद ही उन्हें म्यांमार भेजे। म्यांमार सरकार के इस अनुरोध के बाद अब भारत सरकार ने भी फैसला लिया है कि वो इन रोहिंग्या शरणार्थियों की दोबारा पहचान करेगी।
रोहिंग्याओं को लेकर भारत का पहला बड़ा कदम, वापस भेजेगा म्यांमार
रोहिंग्या शरणार्थियों की दोबारा पहचान करने के लिए केंद्र सरकार ने सभी राज्यों की सरकारों से इन शरणार्थियों से जुड़े आकड़ों को नए सिरे से जुटाने के लिए कहा है। सरकार इस बार शरणार्थियों की मूल भाषा के आधार पर भी आकड़े जुटाएगी।
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