नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट में आज शुक्रवार को राम सेतु मामले की सुनवाई हुई जहाँ केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट को अवगत कराया कि वह राष्ट्रहित में रामसेतु को बचाएगा और अपने सेतुसमुद्रम शिप चैनल प्रोजेक्ट के तहत इस पौराणिक सेतु को कोई नुकसान नहीं पहुँचाया जाएगा.
उल्लेखनीय है कि चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा के नेतृत्व वाली पीठ से केंन्द्रीय नौवहन मंत्रालय ने अपने एक हलफनामे में कहा कि भारत सरकार राष्ट्र के हित में रामसेतु को बिना प्रभावित किए/ नुकसान पहुंचाए, सेतुसमुद्रम शिप चैनल प्रोजेक्ट के पहले तय किए एलाइंमेंट के विकल्प खोजना चाहती है.अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल पिंकी आनंद ने कहा कि केंद्र ने पहले दिए निर्देशों का पालन करते हुए जवाब दाखिल किया है और अब याचिका खारिज की जा सकती है. स्मरण रहे कि तत्कालीन यूपीए की कांग्रेस सरकार के समय इस शिप परियोजना के लिए रामसेतु को तोड़ने की बात सामने आई थी. तब इसका खूब विरोध हुआ था. तब सुब्रमण्यम स्वामी ने राम सेतु बचाने के लिए यह याचिका दाखिल की थी.
आपको बता दें कि इस मामले में सुब्रमण्यम स्वामी ने शिप चैनल प्रोजेक्ट के खिलाफ याचिका दायर कर केंद्र को पौराणिक रामसेतु कोहानि न पहुँचाने का निर्देश देने की अपील की थी. केंन्द्रीय नौवहन मंत्रालय ने अपने एक हलफनामे में कहा कि भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी की ओर से सेतुसमुद्रम परियोजना के खिलाफ दायर याचिका को सरकार का रुख स्पष्ट होने के बाद अब रद्द किया जा सकता है.
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