Feb 23 2016 12:12 PM
नई दिल्ली : मौजूदा वित्त वर्ष में भारत को तेल आयात पर खर्च होने वाली राशि में काफी बचत होगी. जारी वित्त वर्ष में भारत का क्रूड ऑयल इंपोर्ट बिल 62 अरब डॉलर रह सकता है, जो पिछले वित्त वर्ष के मुकाबले करीब आधा है.
क्या है कारण ?
क्रूड की सप्लाई बढ़ने के कारण इसकी अंतरराष्ट्रीय कीमतों में लगातार गिरावट आ रही है. कच्चे तेल के दामों में कमी के चलते सरकार को 51 अरब डॉलर यानी करीब 3,49,640 करोड़ रुपये की बचत की उम्मीद है.
पेट्रोलियम प्लानिंग एंड एनालिसिस सेल ने कहा है कि वित्तीय वर्ष 2014-2015 में क्रूड इंपोर्ट पर एक्सपेंडिचर 113 अरब डॉलर का था और मौजूदा वित्त वर्ष में उसके मुकाबले 45 प्रतिशत कमी आने का अनुमान है.
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