नईदिल्ली। केंद्र की राजग सरकार पर कई तरह के आरोप लग रहे हैं। विपक्ष सरकार पर आरोप लगा रहा है कि सत्ता में आने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोगों को रोजगार उपलब्ध करवाने का वादा किया था लेकिन अब सरकार इसे पूरा नहीं कर पा रही है। अब केंद्र सरकार ने बेरोजगारी कम करने का एक नया फार्मूला निकाला है। इस फार्मूले से लगता है नौकरयिां और रोजगार बढ़ाने की दर कुछ बढ़ सकती है। यदि कोई कंपनी युवाओं को स्थायी रोजगार उपलब्ध करवाएगी तो उनके पीएफ में कंपनी की ओर से दिए जाने वाले अंशदान को सरकार वहन करेगी।
सरकार ऐसा 2 वर्ष के लिए करेगी। केंद्र सरकार अपने अधीन आने वाले श्रम मंत्रालय को एक प्रस्ताव भेज चुकी है। मिली जानकारी के अनुसार संगठित क्षेत्र में बीते 3 वर्ष में 6.70 लाख रोजगार सृजित होंगे। जब सरकार के पक्ष ने कंपनियों से लोगों को स्थायी नौकरी न दे पाने का कारण निजी क्षेत्र के लोगों से जाना तो यह बात सामने आई कि कंपनियां अपने उपर अधिक वित्तीय बोझ नहीं चाहती हैं।
उनका कहना है कि यदि युवाओं को स्थायी तौर पर रोजगार प्रदान किया गया तो फिर उन्हें परेशानी हो सकती है। ऐसे में दो या फिर चार, पांच या फिर एक वर्ष के अनुभव को वे महत्व नहीं दे रहे हैं। कंपनियां युवाओं को कम वेतन देती हैं, उन्हें बढ़ाकर वेतन नहीं देना चाहती हैं और फिर उन्हें नौकरी पर रखा जाता है।
गौरतलब है कि जाब मार्केट से जानकारी सामने आई है कि बीते 3 वर्ष में आईटी कंपनियों के 5.6 लाख कर्मचारी बेरोजगार हो सकते हैं। हालांकि आईटी कंपनियां इसे सही नहीं बताती हैं। मगर यह बात अनुभव की जा रही है कि बाजार में कई कंपनियां अपने कर्मचारियों की छंटनी कर रही हैं तो दूसरी ओर वे अपने कर्मचारियों को जल्दी - जल्दी बदलने में लगी हैं।
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