120 से ऊपर गई दाल, तो जिम्मेदार होगी राज्य सरकार

नई दिल्ली : केंद्र सरकार के द्वारा दालों की बढ़ती कीमतों पर लगाम लगाने के लिए काफी प्रयास किए गए है. लेकिन इसके बाद भी इसका खास असर बाजार पर देखने को नहीं मिल रहा है. अब इस मामले में बयान देते हुए केंद्र सरकार का यह बयान सामने आया है कि यदि अरहर की दाल की कीमत 120 रूपये प्रति किलोग्राम से अधिक जाती है तो इसके लिए खुद राज्य सरकारें जिम्मेदार होंगी.

इस मामले में खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री रामविलास पासवान ने बताया है कि आवश्यक उपभोक्ता वस्तुओं में 22 वस्तुएं शामिल है और इनमे से केवल दाल ही ऐसी वस्तु है जिसका भाव बढ़ा है. उन्होंने आगे जानकारी देते हुए बताया है कि इसका मुख्य कारण उत्पादन कम होना है. और साथ ही यह भी कहा है कि बाजार में मांग उत्पादन से अधिक बनी हुई है, जिस कारण भी बढ़ोतरी हो रही है.

बता दे कि इस वित्त वर्ष के दौरान 237 लाख टन दालों का आयात किया गया था. जबकि साथ ही निजी क्षेत्र ने 58 लाख टन दालों का आयात किया गया था. उन्होंने कहा है कि डैम में बढ़ोतरी के लिए जमाखोरी को सबसे अधिक जिम्मेदार माना जा रहा है. और इस जमाखोरी से निपटना पूरी तरह से राज्य सरकारों पर निर्भर है. अब यह उन्हें देखा है कि वे कैसे इस मामले में जमाखोरों से निपट सकते है. लेकिन किसी भी हाल में दाल के भाव 120 रु प्रति किलोग्राम से ऊपर नहीं जाना चाहिए.

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