नई दिल्ली: निजी कंपनियों में काम करने वाली महिलाओं के लिए खुशखबरी है, दरअसल केंद्र सरकार प्राइवेट फर्म में काम करने वाली महिलाओं की मैटरनिटी लीव 12 सप्ताह से बढ़ाकर 26 सप्ताह करना चाहती है। इसी बात पर मुहर लगाते हुए महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने सोमवार को कहा कि श्रम मंत्रालय महिलाओं की मैटरनिटी लीव बढ़ाकर साढ़े 6 महीने करने के लिए मान गई है।
मेनका ने कहा कि हमने मंत्रालय को लिखा था कि मैटरनिटी लीव बढ़ाया जाए क्यों कि जन्म के 6 महीने बाद तक बच्चे को गां का दूध पिलाना जरुरी है। श्रम मंत्रालय इसमें बदलाव लाने के लिए मैटरनिटी बेनिफिट एक्ट, 1961 में बदलाव करेगी। इस एक्ट के तहत फिलाहाल महिला कर्मचेरियों को 12 सप्ताह की लीव दी जाती है। जिसमें पूरी सैलरी कंपनी देती है।
कहा जा रहा है कि मंत्रालय इस लीव को सरकारी और निजी दोनो के लिए 32 सप्ताह या 8 महीने तक बढ़ाने पर भी विचार कर रही है। जिसमें वेतन के साथ-साथ अन्य सभी सुविधाएं भी दी जाए। श्रम मंत्रालय का कहना है कि ज्यादा दिनों की छुट्टी के बाद महिला की रोजगार क्षमता प्रभावित होती है। हांला कि महिला विकास मंत्रालय ने कहा कि नवजात बच्चे को स्तनपान कराना जरुरी है ताकि वो भविष्य में होने वाली बीमारियां जैसे कुपोषण, डायरिया से बच सके।
अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन के अनुसार, दुनिया के कई देशों ने मैटरनिटी लीव को 14 सप्ताह से बढ़ाकर 18 सप्ताह किया था। अब भारत इसे 26 सप्ताह कर रहा है, तो ऐसे में यह उन 42 देशों के लिए एक लैंडस्लाइडिंग डिसीजन होगा।