नई दिल्ली: भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार ने शुक्रवार को दोहराया है कि सरकार द्वारा संचालित फर्मों को व्याहारिक तौर पर कामयाब बनाने के एक विकल्प के तौर पर उनको कंपनी का रूप देने पर गहनता से विचार किया जा सकता है. सरकार ने कहा है कि ऐसे में उन्हें बंद करना या बेचना ही कोई विकल्प नही बचता है. इस दौरान सरकार ने कहा है कि देश के सुधारवादी कहते है कि आप विनिवेश करे व हम करेंगे तो कहेंगे कि सरकार ने बहुत अच्छा किया.
परन्तु यदि हड़ताल वगैरह होती है तो अख़बार के पहले पन्ने पर ही ‘मोदी मुर्दाबाद, मोदी मुर्दाबाद’ लिखा प्रतीत होगा. सरकार ने कहा कि हमने देश में जहाजरानी कंपनियों को जो कि नुकसान में चल रही थी उन्हें मुनाफे में लेकर आए. मोदी ने इस दौरान कहा कि देश में सुधार कि प्रक्रिया के तहत दो तरीके है पहला उनका विनिवेश करें या फिर उन्हें बंद कर दें. तीसरा कार्य है उनको कंपनी का रूप दे दिया जाए.
हम इस कार्य को अराजनैतिक रख कर इन चीजों में बदलाव ला सकते है. मोदी ने कहा कि तकरीबन 85 बड़ी परियोजनाएं है जो ठप पड़ी थीं। हमने उनकी गहनता से समीक्षा की व इनमे से तकरीबन 60-65 परियोजनाएं प्रारंभ हो गयी हैं. मोदी जी ने कहा की महाराष्ट्र का दाभोल बिजली संयंत्र जो की पिछले वर्ष से बंद था अब शुरू हो चूका है तथा बिजली का भी उत्पादन शुरू कर दिया है.