मध्यप्रदेश: राज्य मे टोलटैक्स के माध्यम से प्रजा को लूटने का कार्य किया जा रहा है। टोल टैक्स के माध्यम से तो विकास किया जाता है। यही नहीं उद्योग - व्यापार करना प्रजा का काम है। प्रजा का अधिकार है कि वह सुविधाओं के साथ बेहतर तरीके से रहे मगर टोलटेक्स पर लोगों के बच्चे अगवा हो रहे हैं इस ओर किसी का ध्यान नहीं है। यात्री जहाज, हवाई जहाज, बसें और रेल भाड़ा मालगाड़ी चलाना आदि राज्य का कार्य नहीं है। इसका संचालन व्यापार का हिस्सा है। व्यापार करना प्रजा का ही कार्य है। मगर पोर्ट - एयरपोर्ट तैयार करना बिछाना और सड़क बनाने पूरी तरह से राज्य का ही कार्य है।
एयरपोर्ट, रेलवे लाईन और सड़क को लेकर राज्य का पूरा आधिपत्य है। राज्य अपने कई विकास कार्यों को नहीं कर रहा है। राज्य में उद्योगों का विकास नहीं हो पा रहा है। दूसरी ओर रक्षा करने वाली संस्था राज्य का रूपया सुरक्षा व्यस्था के लिए दिया जा रहा है। दूसरी ओर सुरक्षा के लिए भी सरकार को अपने कोष का उपयोग करने की जरूरत है। पुलिस के पास आधुनिक हथियारों की कमी है।
सरकार द्वारा जल्द से जल्द राज्य के अधीन चलने और सार्वजनिक उद्योग व व्यापार का निजीकरण करने की बात सामने आती है। लोगों को अस्पताल में वाजिब उपचार नहीं मिल पा रहा है। टोल नाकों से मुक्त हो जाने के बाद राज्य में कई तरह की परेशानियां और समस्याऐं हैं। मेट्रो और रेलवे के विकास कार्य की जरूरत है। लोगों को महंगाई का सामना करना पड़ रहा है और कई लोग कर्ज के बोझ के तले दबे हुए हैं।