पेट्रोल-डीजल से राजस्व की पूर्ति करेगी सरकार, ख़ज़ाने में जमा होंगे इतने करोड़

नई दिल्ली: कोरोना संकट और लॉकडाउन की वजह से भारी राजस्व घाटे से जूझ रही केंद्र सरकार ने पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी बढ़ा दी है। केंद्र सरकार ने मंगलवार को पेट्रोल में 10 रुपए और डीजल पर 13 रुपए उत्पाद शुल्क बढ़ाया है। इस एक्साइज ड्यूटी में बढ़ोतरी से सरकार को अगले 11 महीनों में 1.6 लाख करोड़ का अतिरिक्त राजस्व मिलेगा।

लॉकडाउन के चलते राजस्व में हुई भारी नुकसान की भरपाई के लिए यह फैसला लिया गया। आपको बता दें कि वैश्विक बाजार में कच्चे तेल के दाम दो दशक के निचले स्तर पर पहुंच गई है। ऐसे में सरकार ने तेल के दामों पर उत्पाद शुल्क बढ़ाने का फैसला किया। इस वृद्धि से वर्तमान वित्तीय वर्ष में राजस्व में 1.6 लाख करोड़ की अतिरिक्त आय होगी, जिससे राजस्व पर पड़े बोझ को कुछ हल्का किया जा सकेगा। हालांकि वर्तमान वित्तीय वर्ष में दूसरा मौका है जब सरकार ने उत्पाद शुल्क में इजाफा किया है। इससे पहले सरकार ने मार्च में पेट्रोल-डीजल दोनों के उत्पाद शुल्क में 3 रुपए का इजाफा किया था। हालांकि इस बार ये बढ़ोतरी अधिक की गई है।

मौजूदा वक़्त में लॉकडाउन की वजह से पेट्रोल-डीजल की खपत में भारी कमी आई है। आवाजाही बंद होने से ईंधन की खपत कम हो रही है। हालांकि उम्मीद की जा रही है कि लॉकडाउन की बंदिश पूरी तरह हटने के बाद तेल की मांग और खपत में वृद्धि होगी। ऐसे में सरकारी राजस्व को फायदा पहुंचेगा। आपको बता दें कि तेल की कुल कीमत में 70 फीसदी हिस्सा हम वैट और उत्पाद शुल्क के रूप में लेते हैं। तक़रीबन 18 रुपए के तेल पर 49 रुपए वैट और एक्साइज ड्यूटी टैक्स लगता है।

विशाखापट्टनम में जहरीली गैस बनी लोगों का काल, 10 मिनट के भीतर प्रभावित की ले सकती है जान

लॉकडाउन ने तोड़ी UBER की कमर, 3700 कर्मचारियों को बाहर निकालेगी कंपनी

आज प्रेस वार्ता करने वाले थे राहुल गाँधी, विशाखापट्टनम हादसे के कारण टाली

 

न्यूज ट्रैक वीडियो

- Sponsored Advert -

Most Popular

- Sponsored Advert -