ओडिशा : ओडिशा सरकार को 29 खनन पट्टा धारकों के साथ पट्टा दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करने से करीब 700 करोड़ रुपये की आय होने का अनुमान है। यह बात एक अधिकारी ने बुधवार को कही। राज्य सरकार ने 10 लौह और मैंगनीज अयस्क खदान को फिर से खोले जाने के लिए पहले ही पूरक पट्टा दस्तावेजों पर हस्ताक्षर की प्रक्रिया पूरी कर ली है। सरकार अगले दो-तीन दिनों में शेष खदानों के साथ पट्टा दस्तावेजों पर हस्ताक्षर की प्रक्रिया भी पूरी कर लेगी।
खनन निदेशक दीपक मोहंती ने कहा, "हमें पट्टाधारकों से स्टांप शुल्क और पंजीकरण शुल्क के रूप में करीब 700 करोड़ रुपये मिलने का अनुमान है। 10 खनन पट्टा धारकों ने जहां पहले ही दस्तावेज पर हस्ताक्षर कर दिए हैं, वहीं अन्य पट्टाधारक भी दो-तीन दिनों में दस्तावेजों पर हस्ताक्षर कर देंगे।" जिन खदानों ने दस्तावेजों पर हस्ताक्षर कर दिए हैं, उनमें शामिल हैं-रुं गटा समूह के खदान रुं गटा माइंस और फीग्रेड एंड कंपनी प्राइवेट लिमिटेड, तथा शेष ओडिशा मैंगनीज एंड मिनरल्स लिमिटेड (ओएमएम) और आर्यन माइनिंग एंड ट्रेडिंग कारपोरेशन लिमिटेड (एएमटीसी) के खदान हैं।
केजेएस अहलूवालिया, कैपी एंटरप्राइजेज, कलिंगा माइनिंग कारपोरेशन और केएन राम एंड कंपनी भी जल्द ही पूरक पट्टा दस्तावेजों पर हस्ताक्षर कर सकती हैं। हाल ही में संशोधित खदान एवं खनिज (विकास एवं नियमन) अधिनियम-2015 के तहत राज्य सरकार ने 29 खदानों को फिर से खोलने की अनुमति दे दी। इन 29 खदानों में से 25 लौह और मैंगनीज अयस्क खदान हैं। राज्य सरकार ने पट्टा धारकों का पूरक पट्टा दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करने के लिए तीन महीने का समय दिया है।