केरल। केरल के लोकप्रिय सबरीमाला मंदिर में महिलाओं का प्रवेश प्रतिबंधित किए जाने के विरूद्ध सर्वोच्च न्यायालय ने सुनवाई की। मगर इस सुनवाई के दौरान न्यायालय में सरकार ने अपना पक्ष रखने के दौरान अपनी बात से यू टर्न लिया है। दरअसल केरल सरकार ने सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश पर कहा है कि सरकार की मंशा है कि महिलाओं को मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश मिले।
गौरतलब है कि मंदिर प्रशासन ने कहा था कि आधुनिक दौर में महिलाओं द्वारा मंदिर में प्रवेश के नियमों का ध्यान न रखने पर कहा था कि महिलाओं को मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश नहीं दिया जा सकता है। पहले इस मामले में केरल की राज्य सरकार ने भी मंदिर समिति के पक्ष पर सहमति जताई थी। इस मामले में सर्वोच्च न्यायालय ने 13 फरवरी की तारीख तय कर दी है।
न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति पिनाकी चंद्र घोष और न्यायमूर्ति एनवी रमन की पीठ द्वारा इंडियान यंग लाॅयस एसोसिएशन के माध्यम से दायर की गई याचिका पर सुनवाई की थी। दरअसल यह याचिका पांच महिला वकीलों ने दायर की थी। इस याचिका में मंदिर समिति के प्रवेश के नियमों पर सवाल किए गए थे।