नेट निरपेक्षता :  सुझाव और प्रतिक्रिया देने के लिए बढ़ी समय सीमा
नेट निरपेक्षता : सुझाव और प्रतिक्रिया देने के लिए बढ़ी समय सीमा
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नई दिल्ली : नेट निरपेक्षता पर सरकार की ओर दिशा-निर्देश जारी होने का इंतजार कर रहे साझेदारों का इंतजार लंबा होने की संभावना है, क्योंकि इस संबंध में लोगों और संस्थानों को अपने-अपने सुझाव देने के लिए और समय दे दिया गया है। संचार मंत्रालय की वेबसाइट पर जारी आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया है, "नेट निरपेक्षता पर गठित समिति की रिपोर्ट पर 'माइगोव डॉट इन' के जरिए सुझाव और प्रतिक्रिया देने के लिए समय सीमा बढ़ा दी गई है।"

तकनीकी विशेषज्ञ ए. के. भार्गव की अध्यक्षता वाली समिति द्वारा सौंपी गई रिपोर्ट 16 जुलाई को सार्वजनिक की गई, जिसमें इंटरनेट के जरिए मुफ्त कॉल सुविधा समाप्त किए जाने की तरफदारी की गई है। इस पर हालांकि नेट उपयोगकर्ताओं ने कड़ी प्रतिक्रिया जताई है।

इंटरनेट की दुनिया में बिल्कुल नई इस विचारधारा 'नेट निरपेक्षता' में सरकारों, इंटरनेट सेवा प्रदाताओं और अन्य साझेदारों से हर तरह की वायस और डाटा सेवाओं के साथ इंटरनेट समान व्यवहार बरतने की बात कही गई है और उपयोग, सामग्री, प्लेटफॉर्म, साइट, उपयोग के तरीके या संचार के तरीके के आधार पर अलग से शुल्क लगाए जाने का विरोध किया गया है। समिति के सुझाव पर संचार एवं आईटी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने संसद में कहा है कि ये सिर्फ सुझाव हैं, न कि अंतिम विचार। उन्होंने कहा था, "न तो यह अंतिम रिपोर्ट है और न ही सरकार ने इस पर अभी कोई अंतिम निर्णय ही लिया है।"

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