Nov 24 2015 12:04 PM
नई दिल्ली : भाजपा सरकार पर सरकार गठन के बाद से ही ये आरोप लगते रहे है कि ये सरकार केवल पुराने नाम को बदलने और दिवस घोषित करने में लगी है। 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योगा दिवस घोषित करने के बाद अब मोदी सरकार ने संविधान दिवस मनाने की भी घोषणा की है। 26 नवंबर को संविधान दिवस के रुप में मनाया जाएगा। इसके लिए गुरुवार को कई सारे कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएँगे। सरकार ने इस दिन संसद के विशेष सत्र का भी आयोजन किया है।
इसका उद्देश्य संविधान के निर्माण में भागीदार लोगो को भावपूर्वक श्रद्धांजलि देना है। सोमवार को सरकार ने इस बाबत बयान जारी कर सूचित किया कि संसदीय कार्य मंत्रालय ने संविधान दिवस के दिन संसद भवन परिसर को रोशन करने का फैसला लिया है और साथ ही इसके लिए संसद के विशेष सत्र के आयोजन का निर्णय भी लिया गया है।
26 नवंबर 1949 के दिन ही पहली बार संविधान को स्वीकारा गया था, इसके बाद 26 जनवरी 1950 में इसे लागू किया गया था। संविधान दिवस अंबेडकर की 125वीं जयंती वर्ष के अवसर पर पूरे साल आयोजित होने वाले कार्यक्रमों का हिस्सा है। सरकार ने इस सभी अधिकारियों से संविधान पढ़ने को भी कहा है।
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