नई दिल्लीः केंद्र सरकार वायुसेना को धाड़ देने में जूटी है। पाकिस्तान और चीन के साथ बढ़ते तनाव को देखते हुए सरकार ने एयरफोर्स को मजबूत बनाने का निर्णय लिया है। इसी कड़ी में सरकार ने 5000 करोड़ रुपये की आकाश मिसाइल परियोजना की मंजूरी दी है। पीएम की अध्यक्षता वाली सुरक्षा संबंधी कैबिनेट कमेटी ने हाल ही में इस प्रोजेक्ट को हरी झंडी दी थी। रक्षा मंत्रालय ने गुरूवार को सरकार के इस फैसले से वायु सेना को अवगत करा दिया।
दुश्मन के लड़ाकू विमान को मार गिराने के लिए वायुसेना की क्षमता को बढ़ाने के लिए सरकार ने छह स्क्वाड्रन स्वदेशी आकाश एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम खरीद की मंजूरी दे दी है। सूत्रों ने कहा कि आकाश मिसाइल को खरीदने के तीन साल पुराने इस प्रस्ताव को अब जाकर मंजूरी मिली है और इससे वायुसेना में अब आकाश मिसाइल की संख्या बढ़कर 15 हो जाएगी। एयरफोर्स ने दो स्क्वाड्रन की मांग की थी, मगर इसकी दक्षता को देखते हुए इसकी संख्या बढ़ा दी गई।
पिछले साल सूर्या लंका युद्धाभ्यास के दौरान इजरायली मिसाइल व अन्य मिसाइलों के साथ वायुसेना ने आकाश मिसाइल को भी आजमाया था, जिनमें आकाश का प्रदर्शन सर्वश्रेष्ठ रहा था। रक्षा मंत्रालय ने विदेशी मिसाइलों के मुकाबले आकाश को तवज्जो दी। सरकार ने भी आकाश मिसाइल के पक्ष में सेना के 17000 करोड़ रुपये का टेंडर खत्म कर दिया था। इन मिसाइलों को पाकिस्तान और चीन की सीमा के पास तैनात किया जाएगा। बालाकोट ऑपरेशन के बाद सरकार को इस मिसाइल की जरूरत का आभास हुआ था।
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