नई दिल्ली: सुरक्षा बलों में जवानों का ट्रांसफर एक बड़ी समस्या है। बड़ी तादाद में तबादलों से संबंधित आवेदन प्रति वर्ष खारिज किए जा रहे हैं। जवानों की बढ़ रही शिकायत को देखते हुए गृह मंत्रालय ने सभी सुरक्षा बलों को कहा है कि वे हार्ड व सॉफ्ट पोस्टिंग के बीच रोटेशनल तबादला नीति का सख्ती से अनुपालन करते हुए सभी ट्रांसफर सॉफ्टवेयर के माध्यम से करें। इससे तबादलों में पारदर्शिता रहेगी।
अमित शाह के निर्देश का हवाला देते हुए सुरक्षा बलों को भेजे गए पत्र में कहा गया है कि ITBP, CISF और SSB ने बताया है कि उनका सॉफ्टवेयर तैयार है और उन्होंने उसका इस्तेमाल करना भी आरंभ कर दिया है। जबकि CRPF, BSF और असम राइफल्स ने कहा है कि उनका सॉफ्टवेयर एडवांस चरण में है। मंत्रालय ने सभी सुरक्षाबलों से कहा है कि गृह मंत्री के निर्देश को बहुत समय बीत चुका है, इसलिए अब इसमे देरी नही होना चाहिए।
आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2016 में करीब 30 फीसदी ट्रांसफर से जुड़े आवेदन खारिज होते थे, किन्तु बाद के सालों में यह आंकड़ा 50 से 60 फीसदी तक पहुंच गया है। जवान अपनी पसंद की जगह ट्रांसफर न मिलने से परेशान होते हैं। कई बार जटिल तबादला नीति के कारण उचित तबादला आवेदन पर भी फैसले में बहुत देर होती है। हालांकि सुरक्षा बल से संबंधित अधिकारी दावा करते हैं कि तबादलों को लेकर सभी सुरक्षा बलों में उचित तंत्र बनाया गया है। एक अधिकारी ने कहा कि बड़ी तादाद में ऐसे कर्मी आवेदन करते हैं जो ट्रांसफर के लिए अर्हता नही पूरी करते। अधिकतर ऐसे आवेदन भी खारिज किए जाते हैं जो अपनी तैनाती का कार्यकाल पूरा किए बगैर आवेदन करते हैं।
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