गुड फ्राइडे : प्रभु येशु के कलवरी क्रूस पर बलिदान का दिन फिर
गुड फ्राइडे : प्रभु येशु के कलवरी क्रूस पर बलिदान का दिन फिर "गुड " क्यों कहा , जाने
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इस वर्ष 10 अप्रैल को गुड फ्राइडे के रूप में मनाया गया है ये दिन प्रभु येशु को कलवरी क्रूस पर बलिदान को स्मरण करने के लिए बनाया जाता है। ईसाइयो के धर्म ग्रन्थ के अनुसार येशु मसीह को क्रूस पर चढ़ाते समय उनके दोनों हाथो और पैरो पर कील ठोका गया था जिसमे असहनीय पीड़ा और दर्द को प्रभु येशु ने सहा था और उनके इसी दुःख और दर्द को स्मरण करते हुए ईसाई इस दिन को मानते है। लेकिन एक सवाल अक्सर पूछा जाता है की ईटें दुःख का समय फिर इसे 'गुड" फ्राइडे या हिंदी में "शुभ" शुक्रवार क्यों कहा जाता है , तो आज हम आपके साथ शेयर करने जा रहे है इसके बारे में, आइये जाने .......

बाइबिल के अनुसार येशु मसीह का जन्म धरती में मानव रूप में हुआ जो खुद परमेश्वर का पुत्र है. लेकिन इस धरती पर जनम लिया क्योकि पाप के अधिकता के कारण मनुष्य नाश हुआ जा रहा था और क्योकि परमेश्वर ने खुद इन मनुष्यो को बनाया इसलिए इनके नाश होने हो वो देख नहीं पा रहा था अतः मनुष्यो को इनके पापो से बचाने के लिए एक बलिदान चाहिए था जो निर्दोष हो और पाप न किया हो लेकिन इस धरती में जितने भी मनुष्य और प्राणी थे कोई भी निर्दोष या पा रहित नहीं था इसलिए परमेश्वर ने अपने एकलौते पुत्र येशु मसीह को इस दुनिया में भेजा जो निर्दोष और पाप रहित था इस धरती पर जीवन बिताने पर भी उसने कोई पाप का काम नहीं किया बल्कि लोगो को सेवा और प्रेम का संदेश दिया। फिर इन्ही मनुष्यो के पापो से छुटकारे के लिए कलवरी क्रूस पर बलिदान दिया जिसे गुड फ्राइडे या शुभ शुक्रवार के रूप में मनाया जाता है और फिर तीसरे दिन यानी रविवार को मुर्दो में से जिन्दा हो उठा जिसे ईस्टर पर्व के रूप में मनाया जाएगा , मृत्यु पर जय पाने की प्रभु येशु में ये सामर्थ को पुनरुथान दिवस के रूप में माना जाता है।

लेकिन गुड़ फ्राइडे को गुड या शुभ इसलिए माना जाता है क्योकि प्रभु येशु का ये बलिदान मनुष्यो को उनके पापो से उद्धार दिलाने के लिए था और ये कहा गया है की क्योकि परमेश्वर का एकलौता प्रिय बेटा जब खुद बलिदान हुआ तो इससे बड़ा अब और कोई बलिदान नहीं हो सकता है अर्थात सारे कर्मकांड करने की आवश्यकता नहीं रही क्योकि येशु मसीह के बलिदान से हमारे पाप क्षमा हो गए है , हमे बस उसपर विश्वास करना है और येशु ये अधिकार रखते है की हमारे पाप क्षमा करे, इस बलिदान और विश्वास करने के कारण ही इस दिन को शुभ या गुड कहा जाता है।

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