रावण - मेघनाद  के पुतलों के दहन पर, आदिवासियों का विरोध
रावण - मेघनाद के पुतलों के दहन पर, आदिवासियों का विरोध
Share:

रायगढ़। देशभर में विजया दशमी का पर्व उल्लास के साथ मनाया जाता है। इस दौरान लंकापति रावण का पुतला दहन होता है। जिसे आमतौर पर रावण दहन के नाम से जाना जाता है। बच्चों में रावण दहन को लेकर खासा उत्साह होता है। हालांकि कुछ ऐसे क्षेत्र भी हैं जहाॅं रावण का पूजन किया जाता है। उसके पुतले को जलाने की प्रथा नहीं है। इसी तरह से इस बार आदिवासी समाज ने राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष के नाम ज्ञापन सौंपते हुए, छत्तीसगढ़ राज्य के रायगढ़ जिले में रावण, कुंभकर्ण और महिषासुर के पुतलों के दहन का विरोध किया है।

आदिवासियों का कहना है कि इस तरह के कार्यक्रम पर रोक लगाई जाए। समाजन ने पुतला दहन कार्यक्रम पर रोक की मांग को लेकर प्रशासन को ज्ञापन भी सौंपा। आदिवासियों ने कहा कि यह राष्ट्रद्रोह से जोड़ा जाना चाहिए। यह अपने ही पूर्वजों का अपमान है। आदिवासियों ने ज्ञापन की प्रति जिला प्रशासन के अधिकारियों को भी सौंपी। अपनी मांग को लेकर इसमें खरसिया ब्लाक के ग्राम पंचायत खम्हार, गोरपार,केवाली,पुछियापाली,फरकानारा,नगोई,गांडापाली,खडगांव के सरपंच सहित जनपद के सदस्य आदि अधिकारियों के बीच पहुॅंचे।

आदिवासियों ने विरोध करते हुए कहा कि आदिवासी समाज के रावण,कुंभकर्ण,महिषासुर,यमुर्मु दहन का कार्य हमारे पुरखों का अपमान है और ऐसा अधिकार हमारे संविधान ने किसी को नहीं दिया है। हालांकि आदिवासीजन व्यक्तिगततौर पर इस मामले में कुछ भी कहने से बच रहे हैं उनका कहना है कि ज्ञापन में सभी का मत लिख दिया गया है। हम इस पर कुछ और नहीं कहना चाहते हैं।

रावण के पुतलों पर भी पड़ी जीएसटी की मार

रावण ने अपने जीवन में ऐसे प्राप्त किया था अपार धन

दुर्गा का पांचवा स्वरुप - स्कंदमाता

इस नवरात्रि जाने ये 12 माता मंदिरों की विशेषता

 

रिलेटेड टॉपिक्स
- Sponsored Advert -
मध्य प्रदेश जनसम्पर्क न्यूज़ फीड  

हिंदी न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_News.xml  

इंग्लिश न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_EngNews.xml

फोटो -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_Photo.xml

- Sponsored Advert -