संत उमाकान्त जी महाराज के सानिध्य में बना शाकाहारियों का गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड
संत उमाकान्त जी महाराज के सानिध्य में बना शाकाहारियों का गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड
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बाबा जयगुरुदेव जी का कहना है - शाकाहारी रहना है, आगे का समय विनाशकारी-बचे वही जो शाकाहारी, जो रूहों पर रहम करेगा-वही खुदा का प्यारा है माँ,बहन की लाज बचाना है, तो शराब, मांस को हटाना है.

ऐसे अनेक मानववादी-करुणावादी निवेदनों के साथ विश्वविख्यात परम संत बाबा जयगुरुदेव जी महाराज के आध्यात्मिक उत्तराधिकारी और भारत में शाकाहार - सदाचार, शराबबंदी- नशा मुक्ति, युवा चरित्र निर्माण के साथ भारत की इस पावन भूमि से गौमाता की हत्या बंद करवाकर गाय को राष्ट्रीय पशु बनाने का संकल्प लेने वाले एवं राम, कृष्ण, महावीर की तपोभूमि भारत को विश्व का महागुरु बनाने के लिए देशवासियों में  देशभक्ति की अलख जगाने वाले बाबा उमाकांत जी महाराज द्वारा 400 कारों के काफिले के साथ 31 दिनों तक मध्यप्रदेश, गुजरात महाराष्ट्र, उत्तरप्रदेश में लोगो को शाकाहारी बनने का संकल्प दिलाते हुए कल ग्वालियर पहुंचे.

जहाँ इस काफिले ने एक विलक्षण और ऐतिहासिक वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया. ये वर्ल्ड रिकॉर्ड था 30 लाख लोगों के शाकाहारी संकल्प पत्र भरकर सदा शाकाहारी रहने, जीवों  पर दया करने की शपथ लेने का.  

गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड के एशिया हेड डॉ.मनीष विश्नोई और इंडिया हेड आलोक सिंह ने 31 दिन के काफिले के दौरान 30 लाख लोगों को शाकाहारी बनाने का विलक्षण कारनामा करनेवाले बाबा उमाकान्त जी महाराज को लाखों लोगों की उपस्थिति में प्रमाण पत्र देकर इस वर्ल्ड रिकॉर्ड की विधिवत् घोषणा की गई.

इस दौरान बाबा उमाकान्त जी महाराज ने भक्तों को सन्देश देते हुए कहा कि शराब और मांस से मनुष्य की बुद्धि ख़राब हो जाती हैं और माँ, बहन, बेटी की पहचान खत्म हो जाती हैं. रावण जैसा ज्ञानी जो 4 वेद, 6 शास्त्र, 18पुराण का ज्ञाता था फिर भी राक्षस कहलाया और सीता जी का हरण करने का पाप कर डाला जिससे उसके पूरे वंश का नाश हो गया, इसलिए कभी ऐसे किसी नशे का सेवन मत करिये जिससे आप की बुद्धि ख़राब हो जाये और माँ, बहन बेटी की पहचान खत्म हो जाये. इसके साथ-साथ जीवों पर दया करें क्योंकि जो जीवों पर दया करते हैं ईश्वर उनकी मदद करता हैं. वैसे भी मुर्दे की जगह श्मशान घाट या कब्रिस्तान में होती हैं इंसान के पेट में नहीं, और कभी किसी भी बात पर आन्दोलन, हड़ताल, हिंसा, तोड़फोड़ ना करे इससे अपने देश की व्यवस्था और संपत्ति दोनों को नुकसान होता है.

युवाओ को संबोधित करते हुए बाबा उमाकान्त जी महाराज ने कहा कि  देखो बच्चो सदा चरित्रवान रहना. माता-पिता की खूब सेवा करना और देशभक्त बनना. बाबा उमाकान्तजी ने देश के वर्तमान हालातों पर विचार देते हुए कहा कि जब देश का संविधान बना था तब हालात कुछ और थे मगर आज परिस्थितियां बदल गई है इसलिए समाज का बुद्धिजीवी वर्ग जैसे न्यायाधीश, राजनेता, शिक्षाविद, सभी लोग व्यवस्थाओ का पूर्ण अध्ययन कर इसमें आवश्यक संशोधन करे तभी देश में व्याप्त समस्याओं का समाधान और रोटी, रोज़ी और सुरक्षा सबको मुहैया कराई जा सकती है, तथा मंदिर-मस्जिद, आतंकवाद, नक्सलवाद जैसी कुरीतियों को ख़त्म किया जा सकता है.

 

लोग मुनाफे के लिए चोरी, धोखा,बेईमानी ना करें, बल्कि उस ईश्वर पर भरोसा करें, जो बच्चे के पैदा होने से पहले माँ के स्तन में दूध भर देता है. परवरिश करनेवाले उस भगवान-खुदा पर यकीन कर उनकी सच्ची पूजा-इबादत करें और अपने बच्चो से भी करवाएं जिससे वो संस्कारवादी बने. इस सत्संग के अवसर पर मप्र की महिला बाल विकास मंत्री माया सिंह भी मौजूद थी.

खैर, सत्ता में बैठे देश के कर्णधार इसी समाधान को कितना मानते हैं, ये तो वही जानते हैं. पर ऐसे समय में जब तथाकथित बाबाओं द्वारा धर्म और अध्यात्मवाद को बदनाम किया जा रहा है, ऐसे समय में बाबा उमाकान्त जी महाराज का ये दुःख निवारण काफिला पूरी सादगी और विनम्रता से  लोगों को शाकाहारी बनने की प्रार्थना कर रहा हैं जिसे देख कर आम आदमी के मन में अब भी धर्म के प्रति आस्था का दीपक जलता रहता है. 30 लाख लोगों को शाकाहारी का संकल्प दिलाने वाले बाबा उमाकान्त जी की जीव कल्याण करनेवाली यात्रा का अंतिम लक्ष्य “ पापों का हो खात्मा’, विश्व बने धर्मात्मा के लिए सतत चल रहा है.

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