सोने के गहनों की शौकीन तो महिलाएं ज्यादा होती है. हालांकि इन्हे पहनकर कावड़ यात्रा करने के वाले गोल्डन बाबा नाम तो आप सभी ने सुना ही होगा. गोल्डन बाबा से मशहूर सुधीर मक्कर का मंगलवार रात में निधन हो गया है. गोल्डन बाबा लंबी बीमारी से जुझ रहे थे, जिनका इलाज एम्स में कब से चल रहा था. आपको बता दें कि गोल्डन बाबा का असली नाम सुधीर कुमार मक्कड़, जो मूल रूप से गाजियाबाद के रहने वाले थे. संन्यासी बनने से पहले गोल्डन बाबा का दिल्ली में गारमेंट्स का कारोबार हुआ करता था. ये भी बताया जाता है कि अपने पापों को प्रायश्चित करने के लिए वो संन्यासी बन गए है.
बता दें की सुधीर कुमार मक्कड़ को 1972 से ही सोना पहनना काफी पसंद था. गोल्डन बाबा करोड़ों रुपए के सोने के आभूषण पहना करते थे, जिसके वजह से वो हमेशा चर्च में बने रहते थे. गोल्डन बाबा हर साल कई किलो सोना पहनकर और लग्जरी कारों के साथ कांवड़ यात्रा भी लेकर निकलते थे. वहीं दिल्ली के गांधीनगर इलाके में रहने वाले लोगों के अनुसार, गोल्डन बाबा पेशे से दर्जी थे. लेकिन गांधीनगर में उनका कपड़ों का कारोबार था. हालांकि उनको कपड़ों का कारोबार उतना रास नहीं आया. इसके बाद सुधीर कुमार मक्कड़ इस काम को छोड़कर हरिद्वार निकल पड़े और हर की पौड़ी में फूलमाला और कपड़े बेचना शुरू कर दिया. लेकिन कुछ ही दिन में उनहोंने ये काम को बंद कर दिया. इसके बाद वो प्रॉपर्टी कारोबार में उतर गए. इस कारोबार में काफी पैसा कमाने के बाद उन्होंने साल 2013-14 में यह काम बंद कर दिया. इसके बाद सुधीर कुमार मक्कड़ ने दिल्ली स्थित गांधीनगर की अशोक गली में अपना आश्रम बना लिया है. ये भी कहा जाता है कि वर्ष 2013 में वे सुधीर मक्कड़ से गोल्डन बाबा बन गए.
इसके आलावा गोल्डन बाबा अपने दसों की दसों उंगलियों में सोने की अंगूठी, बाजुओं में सोने का बना बाजुबंद, गले में सोने का चेन और कई देवी-देवताओं के लॉकेट पहना करते थे. वहीं गोल्डन बाबा की सुरक्षा के लिए हमेशा 25 से 30 गार्ड तैनात रहते थे.
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