मॉनेटाइजेशन स्कीम का ड्राफ्ट लांच, अब गोल्ड लोन से होगी कमाई
मॉनेटाइजेशन स्कीम का ड्राफ्ट लांच, अब गोल्ड लोन से होगी कमाई
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फाइनैंस मिनिस्ट्री ने एक अच्छा और महत्वपूर्ण कदम उठाया है दरअसल, फाइनैंस मिनिस्ट्री ने मंगलवार को गोल्ड मॉनेटाइजेशन स्कीम का ड्राफ्ट लांच किया है। इस स्कीम का मकसद भारतीयों के घरों में पड़े हुए गोल्ड को फाइनैंशल सिस्टम में लाना है ताकि उसकी वैल्यू अनलॉक हो सके। इस योजना के तहत मिलने वाले ब्याज पर टैक्स न लेने का प्रस्ताव है, वहीं ज्यादा से ज्यादा लोगों को जोड़ने के लिए प्रावधान किया गया है कि कम से कम 30 ग्राम सोने से भी शुरुआत की जा सकती है। मंत्रालय चाहता है कि गोल्ड की हाउसहोल्ड और इंस्टिट्यूशनल होल्डिंग्स का उपयोग करते हुए इस कीमती धातु के आयात पर निर्भरता घटाई जाए। आम लोगों के अलावा इस स्कीम से मंदिर ट्रस्टों, जूलर्स और बैंकों को भी फायदा होगा।

सरकार इस स्कीम को वेल्थ टैक्स, कैपिटल गेंस टैक्स और इनकम टैक्स से छूट दे सकती है। ड्राफ्ट पर सार्वजनिक प्रतिक्रियाएं मिल जाने के बाद योजना को अंतिम रूप दिया जाएगा। अनुमान है कि देश में तमाम घरों में कुल 20,000 टन सोना पड़ा हुआ है। फाइनैंस मिनिस्टर अरुण जेटली ने फरवरी के अपने बजट भाषण में ऐसी स्कीम का वादा किया था। उन्होंने कहा था, 'नई स्कीम गोल्ड डिपॉजिटर्स को अपने मेटल अकाउंट में ब्याज हासिल करने का मौका देगी। वहीं, जूलर्स को अपने मेटल अकाउंट पर लोन मिल सकेगा।'

ड्राफ्ट के अनुसार, डिपॉजिट बुलियन या जूलरी किसी भी रूप में किया जा सकेगा। कस्टमर को अपनी जूलरी 350 हॉलमार्किंग सेंटर्स में से किसी एक पर टेस्ट करानी होगी ताकि यह पता चले कि उसमें कितना प्योर गोल्ड है। इन सेंटर्स को ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड्स ने सर्टिफिकेट दिया है। अगर कस्टमर उस सेंटर के आकलन से सहमत होता है, तो वह बैंक में सोना जमा करने के लिए नो योर कस्टमर फॉर्म भरेगा और अपने सोने को पिघलाए जाने की इजाजत देगा। इसमें बमुश्किल 45 मिनट लगेंगे। इसके बाद जूलरी की प्रोसेसिंग होगी और प्योर गोल्ड को तीन-चार घंटों की प्रक्रिया के बाद अलग किया जाएगा।

अगर संबंधित व्यक्ति इस स्कीम से फिर भी हटना चाहे तो वह बार के रूप में अपना गोल्ड वापस ले सकता है। जो लोग स्कीम से जुड़े रहना चाहेंगे, उन्हें सर्टिफिकेट दिया जाएगा, जिसका इस्तेमाल बैंक में गोल्ड डिपॉजिट अकाउंट खोलने में होगा। ऐसे डिपॉजिट पर इंटरेस्ट रेट बैंक तय करेगा। मोतीलाल ओसवाल प्राइवेट वेल्थ मैनेजमेंट के डायरेक्टर (इनवेस्टमेंट एडवाइजरी) आशीष शंकर ने कहा, 'इस स्कीम में इंटरेस्ट रेट अट्रैक्टिव होना चाहिए। स्कीम की सफलता के लिए जरूरी है कि पूरी प्रक्रिया आसान हो।'

ड्राफ्ट में बताया गया है, 'गोल्ड जमा करने वालों को दिए जाने वाले प्रिंसिपल अमाउंट और इंटरेस्ट का वैल्यूएशन गोल्ड में होगा। मसलन, अगर कस्टमर ने 100 ग्राम गोल्ड जमा किया और उसे 1 पर्सेंट ब्याज मिलने वाला हो तो मच्योरिटी पर वह 101 ग्राम गोल्ड की वैल्यू का हकदार होगा।' कस्टमर्स के पास रिडेम्प्शन के वक्त कैश या गोल्ड लेने का विकल्प होगा। हालांकि इसके बारे में डिपॉजिट के वक्त ही बताना होगा। मिनिमम टेनर एक साल होगा।

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