सभी देवियो में माँ कात्यायनी सबसे अधिक कृपालु
सभी देवियो में माँ कात्यायनी सबसे अधिक कृपालु
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नवरात्री शुरू हो चुकी है, इसी सम्बन्ध मे आपको बताते है कि नवरात्री के छटे दिन माँ दुर्गा के छटे स्वरूप माँ कात्यायनी की पूजा की जाती है. नवरात्री से जुडी मान्यता है कि यदि अविवाहित युवतियां मां कात्यायनी देवी की पूजा करती हैं तो उनका विवाह जल्दी होने के आसार बन जाते है. साथ ही जिन कन्याओं के विवाह में बाधा आ रही है तो उनके लिए कात्यायनी देवी के मंत्र का जप बहुत फायदे की बात है. मां कात्यायनी का जन्म महर्षि कात्यायन के घर हुआ था. महर्षि कात्यायन की तपस्या से खुश होकर आदिशक्ति ने खुद उनके यहां पुत्री के रूप में जन्म लिया था.

पौराणिक मान्यता है कि गोपियों ने श्रीकृष्ण को पाने के लिए इनकी पूजा की थी. वैवाहिक जीवन की खुशहाली के लिए भी मां कात्यायनी की पूजा की जाती है. वृषभ और तुला राशि के लोग मां कात्यायनी की आराधना करें तो संपूर्ण समस्याओं का निवारण हो जाएगा.

यह भी मान्यता है कि सभी देवियो में माँ कात्यायनी को सबसे अधिक कृपालु माना जाता है, माँ कात्यायनी का वाहन सिंह है और इनकी चार भुजाएं हैं. सूर्यास्त का समय जिसे गोधूलि वेला भी कहते है, तब इनकी पूजा करना सबसे अच्छा होता है. मां को पीले फूल और पीली मिठाई अपर्ति करें. उन्हें चांदी या मिट्टी के पात्र के रखकर शहद अर्पित करना भी काफी शुभ होता है. घी का दीपक जलाएं और इसके साथ मां को लाल और पीले वस्त्र भी अर्पित करें. इसके बाद मंत्रों का जप करें.

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