नई दिल्ली : जब से मुंबई हमले का दोषी डेविड कोलेमैन हेडली ने अपने बयान में कहा है कि इनकाउंटर में मारी गई इशरत जहां आतंकी समगठन लश्कर-ए-तैयबा की आतंकी थी, तब से ही देश में सियासी घमासान मचा हुआ है। इसी कड़ी में पूर्व गृह सचिव जी के पिल्लै ने एक टीवी चैनल के सामने सनीसनीखेज खुलासा किया है।
उन्होने कहा है कि कुछ लोग नहीं चाहते थे कि इशरत की सच्चाई सबके सामने आए। पिल्लै यूपीए सरकार के दौरान गृह सचिव थे। पिल्लै ने कहा कि इशरत आतंकी थी या नहीं यह तो जांच का विषय था, लेकिन इस मामले में राजनीतिक हस्तक्षेप किया गया था।
पिल्लै ने यह भी बताया कि लश्कर-ए-तैयबा ने इशरत को शहीद कहकर उसकी तस्वीर अपने वेबसाइट पर भी डाली थी। लेकिन कुछ ही देर बाद उसे हटा लिया गया था। लेकिन हकीकत में वो इस पूरे मामले से संबंध रखती थी या नहीं यह तो जांच के बाद ही पता चल पाएगा।
पूर्व गृह सचिव ने कहा कि इशरत उस समूह का हिस्सा थी, जो उस वक्त भारत में घूम रहा था और वो एक नेता को मारने आया था, जिसे गुजरात में एनकाउंटर के दौरान मार दिया गया। लेकिन पिल्लै ने यह भी साफ किया कि लश्कर द्वारा उसका फोटो डालने के अलावा हमारे पास और कोई साक्ष्य नहीं था।
आतंकी हेडली के बयानों को आधार बनाकर किसी नतीजे पर नहीं पहुंचा जा सकता। पिल्लै ने कहा कि मुद्दा यह भी है कि मुठभेड़ असली था या फर्जी। केंद्रीय मंत्री आर के सिंह ने पिल्लै के बयान का समर्थन करते हुए कहा कि जो भी लोग इस मसले को लेकर विवाद पैदा करना चाहते थे, उन सबके मुंह बंद हो गए है।