पाकिस्तान के कब्जे वाले गिलगिट-बाल्टिस्तान में मानवाधिकारों की हालत बदतर
पाकिस्तान के कब्जे वाले गिलगिट-बाल्टिस्तान में मानवाधिकारों की हालत बदतर
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वॉशिंगटन: चीन की शह में पाकिस्तान की गतिविधियां पाक अधिकृत कश्मीर में बढ़ती जा रही है। पीओके से ताल्लुक रखने वाले एक समूह ने अमेरिकी सांसदों से कहा है कि पाकिस्तान ने गिलगिट-बाल्टिस्तान पर कब्जा कर रखा है, इस क्षेत्र में मानवाधिकारों की स्थिति लगातार बदतर होती जा रही है।

वाशिंगटन आधारित इंस्टीट्यूट ऑफ गिलगिट-बाल्टिस्तान के सेंगे सेरिंग ने कैपिटल हिल में एक हालिया कार्यक्रम में कहा कि गिलगिट-बाल्टिस्तान अंतरराष्ट्रीय समुदाय की मदद के बिना अधिकारों के हनन का अंत नहीं कर सकता। अमेरिका को औपनिवेशिक शासन के अंत की मांग और गिलगिट-बाल्टिस्तान के स्वतंत्र राष्ट्र के संघर्ष का समर्थन करने के लिए लोकतांत्रिक भावना की उम्मीद रखनी चाहिए।

पिछले सप्ताह वियतनाम में ह्यूमन राइट्स डे के मौके पर सेरिंग ने कहा था कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् का प्रस्ताव 47 पाक को गिलगिट-बाल्टिस्तान पर कब्जा करने वाला घोषित करता है और उसे वहां से हटने का आदेश देता है।

सेरिंग ने कहा कि वहां के लोग पाकिस्तान और चटीन से जवाबदेही और पारदर्शिता की मांग कर रहे है। ये देश वहां बिना कोई राजस्व और स्थानीय विकास सुनिश्चित किए उस क्षेत्र में खनिज व जल संसाधनों का दोहन कर रहे है।

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