गाजीपुर में मोदी की दहाड़, जहां होना चाहिए धन, नहीं है वहां
गाजीपुर में मोदी की दहाड़, जहां होना चाहिए धन, नहीं है वहां
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गाजीपुर : यूपी के गाजीपुर में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एक बार फिर भ्रष्टाचारियों और कालाधन कुबेरों पर हमला बोला। वे यहां भी उसी अंदाज में नजर आये, जिस अंदाज में उन्होंने शनिवार को गोवा और कर्नाटक के बेलगाम में भाषण दिया था। रविवार को गाजीपुर में मोदी ने दहाड़ते हुये यह कहा है कि भारत में धन की कमी नहीं है, लेकिन जहां धन होना चाहिये, वहां नहीं है।

मोदी का साफ इशारा कालाधन कुबेरों की तरफ था, जिनके द्वारा बेनामी संपत्ति तो एकत्र कर ली गई लेकिन ईमादारी से सरकार को टैक्स नहीं दिया। गौरतलब है कि नोटबंदी के बाद यूपी में मोदी पहली बार ही जनसभा को संबोधित करने आये थे। उन्होंने गाजीपुर को वीर शहीद अब्दुल हामिद की भूमि बताई तथा वे यूपी के लोगों को धन्यवाद देना नहीं भूले। उनका कहना था कि लोकसभा चुनाव में यहां के लोगों ने उन पर विश्वास जताया था, वे इस विश्वास पर हर हाल में खरा उतरने का प्रयास कर रहे है।

पंडितजी का काम पूरा करने आया हूं

मालूम हो कि आज रविवार 14 नवंबर को पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू का जन्म दिन है। मोदी ने कहा कि वे पंडितजी के जन्मदिन पर अधूरा काम पूरा करने के लिये गाजीपुर आये है। उन्होंने बताया कि गाजीपुर के हालात को लेकर पंडित नेहरू ने पटेल कमेटी का गठन किया था लेकिन पंडित नेहरू के न रहने पर कमेटी का अस्तित्व खत्म हो गया। मोदी ने जानकारी दी है कि 1962 के दौरान गाजीपुर के तत्कालीन सांसद विश्वनाथ ने पंडितजी को गाजीपुर के हालातों की जानकारी दी थी।

भ्रष्टाचार से लड़ने के लिये दी कुर्सी

मोदी का कहना था कि वह भ्रष्टाचार से लड़ने का अपना वादा इसलिये पूरा करने के लिये संकल्पित है क्योंकि देश के लोगों ने देश में व्याप्त भ्रष्टाचार को समाप्त करने हेतु ही प्रधानमंत्री की कुर्सी सौंपी थी। मोदी ने मौजूद जनता से यह पूछा कि बताईए फिर मैं अपने वादे को पूरा करूं या फिर नहीं।

50 दिनों के लिये फिर रूंधा गला

अपने भाषण में मोदी ने देश के लोगों से पचास दिन देने के लिये फिर से कहा। इस दौरान उनका गला रूंध गया तथा वे भावुक हो गये। गौरतलब है कि शनिवार को भी गोवा में उनका इसी बात को लेकर गला रूंध गया था और उनके आंसू छलक आये थे। उन्होंने कहा कि नोटबंदी से थोड़े दिन की परेशानी जरूर होगी लेकिन इसके बाद सबके अच्छे दिन आयेंगे। उन्हें देश के लोग सिर्फ पचास दिन दें।

मुंडी भी नहीं दिखती थी नोटों में

मोदी ने बसपा मुखिया मायावती को भी नहीं छोड़ा और यह कहा कि वे वहीं मायावती है, जिनकी मुंडी नोटों की मालाओं में दिखती नहीं थी, लेकिन अब वे ही नोटबंदी का विरोध कर रही है। उनका कहना था कि विपक्षी दल के नेता जनता को भड़काने का काम बंद करें। वे अपने संकल्प को हर हाल में पूरा करके ही दम लेंगे।

कांग्रेस की चवन्नी की ताकत

मोदी की नोटबंदी का विरोध करने वाले कांग्रेस नेताओं पर मोदी ने तीखा प्रहार किया और कहा कि कांग्रेस ने अपने राज में चवन्नी को बंद कर दिया था। उनकी ताकत चवन्नी बंद करने की थी, मेरी ताकत पांच सौ और एक हजार रूपये के नोट बंद करने की है। उन्होंने आपातकाल को भी लेकर कांग्रेस पर हमला बोला और कहा कि जिसने 19 माह तक देश में आपातकाल लगाकर लोगों को जेल में डालने की धमकी दी, अब वे ही सामान्य जनता की बात कर रहे है। यह थोथी राजनीति नहीं तो और क्या है।

शब्दभेदी ट्रेन को दिखाई झंडी

जनसभा के पूर्व प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गाजीपुर से कोलकाता के बीच चलने वाली शब्दभेदी ट्रेन को भी हरी झंडी देकर रवाना किया। उन्होंने रेलवे की अन्य कई योजनाओं का भी शुभारंभ किया और यूपी में बीजेपी की सरकार बनाने के लिये लोगों से अपील की।

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