जर्मन बेकरी केस : दोषी की फांसी की सजा को कोर्ट ने उम्रकैद में बदला
जर्मन बेकरी केस : दोषी की फांसी की सजा को कोर्ट ने उम्रकैद में बदला
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पुणे : एक और फांसी की सजा को कोर्ट ने उम्रकैद में बदल दिया है। पुणे की जर्मन बेकरी में हुए बम धमाके में मुंबई हाई कोर्ट ने दोषी हिमायत बेग को राहत देते हुए उसकी सजा को फांसी से उम्रकैद में तब्दील कर दिया। साथ ही कोर्ट ने उसे साजिश औऱ बम पलांट करने के आरोपों से भी मुक्त कर दिया है। पुणे की सेशंस कोर्ट ने 2013 में बेग को फांसी की सजा सुनाई थी। इसके बाद बेग ने निचले कोर्ट के फैसले को हाइ कोर्ट में चुनौती दी थी।

बता दें कि पुणे स्थित जर्मन बेकरी में 13 फरवरी 2010 को एक बम धमाका हुआ था, जिसमें 17 लोगों की जानें गई थी और 58 लोग घायल हुए थे। सितंबर 2010 में बेग को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था।

बेग को इंडियन मुजदाहिद्दीन का सदस्य बताया गया था। कोर्ट में बेग के बचाव में कहा गया कि इंडियन मुजाहिद्दीन के आरोपी आतंकी यासीन भटकल ने कहा था कि हिमायत बेग का जर्मन बेकरी से कोई लेना-देना नहीं। एटीएस भी ये सबूत नहीं दे पाई कि हिमायत धमाके के वक्त 2010 में पुणे में था या नहीं।

हिमायत के साथ बंद इस केस में एक और आरोपी सिद्दीकी की जेल में ही हत्या हो गई थी। जो कि हिमायत की बेगुनाही का सबूत दे सकता था। हिमायत के खिलाफ जो भी सबूत थे, वो केवल परिस्थितिजन्य थे। सीधे तौर पर उसके शामिल होने के कोई सबूत नहीं मिले है।

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